अलीपुरद्वार: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में उत्तर बंगाल के चाय उद्योग पर एक भी शब्द नहीं बोला। केंद्र की भाजपा सरकार ने सीधे तौर पर उत्तर बंगाल के चाय उद्योग को वर्षों तक वंचित रखा। इससे पहले 2021 के विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने अलीपुरद्वार आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चाय उद्योग के लिए 1,000 करोड़ रुपये का विशेष फंड बनाने की घोषणा की।
उस दिन चाय उद्योग से जुड़े लोगों को एक नई ऑक्सीजन मिली लेकिन चुनाव ख़त्म होने पर लोगों को समझ आ गया कि उनकी घोषणा केवल एक चुनावी वादा था। इस देश में चाय उद्योग एक ऐसा उद्योग है, जो सीधे तौर पर सबसे अधिक संख्या में श्रमिकों को रोजगार देता है और इस उद्योग के माध्यम से अच्छी मात्रा में विदेशी मुद्रा अर्जित की जाती है।
इस साल प्रकृति की मार और कीड़ों के हमले से असम और उत्तरी बंगाल में चाय का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है, इसलिए इस उद्योग से जुड़े लोगों को उम्मीद थी कि केंद्र सरकार इस साल के बजट में चाय उद्योग के लिए कुछ अच्छा सोचेगी लेकिन बजट देखने के बाद इस उद्योग से जुड़े लगभग सभी लोगों ने निराशा व्यक्त की।
इस संबंध में अलीपुरदुआर के मध्य में डाबरी चाय बागान के प्रबंधक चिन्मय धर ने कहा, ”प्राकृतिक कारणों से उत्तरी बंगाल और असम में चाय के उत्पादन को काफी नुकसान हुआ है। इसलिए हम उम्मीद कर रहे थे कि केंद्र सरकार हमारे चाय उद्योग के लिए कुछ सहायता की घोषणा करेगी, लेकिन हम बजट से निराश हैं।
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