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भारत की राजधानी दिल्ली सहित अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, ईरान, दक्षिण अफ्रीका के चुनावों में मतदाताओं ने दिखाया अपना रुतबा
मतदाता राजनीतिज्ञों के भाग्य विधाता हैं- हर मतदाता को अपने वोट का प्रयोग पूर्ण विवेक और विश्वास के साथ करना जरूरी- अधिवक्ता के.एस. भावनानी
अधिवक्ता किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर आज मतदाताओं का सम्मान पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि बढ़ते लोकतंत्र की चाल में मतदाताओं की ताकत इतनी विस्तृत हो गई है कि वह किसी भी नेता, राजनेता, राजनीतिज्ञ को सर पर बिठा सकते हैं तो, जमींदोज भी कर सकते हैं, राजा से रंग बना सकती हैं। आज इस विषय पर हम इसलिए बात कर रहे हैं, क्योंकि अभी हमने देखे भारत की राजधानी दिल्ली में 5 फरवरी को हुए चुनावी महापर्व में 8 फरवरी 2025 को आए परिणामों में दिखा कि अबकी बार 27 साल बाद भाजपा को मतदाताओं ने सत्ता का ताज पहनाया तो 11 साल से सत्ता का ताज पहने आप पार्टी से छीन लिया। न केवल नकार दिया बल्कि उस पार्टी शीर्ष नेतृत्व नेताओं को भी हार का सामना करना पड़ा। हालांकि कुछ महीनो सालों पूर्व ऐसा ही कुछ नजारा अभी दुनियां के अन्य विकसित बड़े-बड़े देशों में भी देखना पड़ा था जिसमें अभी-अभी हमने ट्रंप द्वारा 20 जनवरी 2025 को शपथ ग्रहण के रूप में देखा।
इसके पूर्व में ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में 50 प्रतिशत बहुमत किसी पार्टी को ना आने से अगले दौर का चुनाव 5 जुलाई 2024 को निश्चित किया गया था। वहीं फ्रांस में राष्ट्रपति मैक्रो की पार्टी भी पिछड़कर तीसरे नंबर पर आ गई थी, जिसमें दूसरे दौर का चुनाव 7 जुलाई 2024 को हुआ था। इसी तरह दक्षिण अफ्रीका में भी नेल्सन मंडेला की पार्टी 30 वर्षों में पहली बार अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस को संसदीय चुनाव में बहुमत नहीं मिला है। सिर्फ 40 प्रतिशत वोट मिले हैं, इसलिए 1 जुलाई 2024 को नेता रामाफोसा ने दोबारा चुने जाने के लिए गठबंधन का सहारा लिया था। उधर ब्रिटेन में भी भारतीय मूल के पीएम ऋषि सुनक को भी मतदाताओं ने हार का मुंह दिखा दिया था।
तो दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका में भी 5 नवंबर 2024 को पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने बहुमत हासिल किया व 20 जनवरी 2025 को शपथ ग्रहण किया और अब 8 जनवरी 2025 को आए रिजल्ट में भाजपा को 48 सीटों के रूप में बहुमत मिला। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, दुनिया के मतदाताओं की ताकत का दम, दिल्ली सहित प्रमुख देश की सत्ता बदल दी। मतदाता राजनीतिज्ञों के भाग्य विधाता हैं, हर मतदाता को अपने वोट का इस्तेमाल हाई अलर्ट में रहकर पूर्ण विश्वास से करना जरूरी है।
साथियों बात अगर हम 8 फरवरी 2025 को आए दिल्ली विधानसभा के चुनाव परिणाम की करें तो, राजधानी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू हुई। चुनावी मैदान में 70 सीटों के लिए 699 उम्मीदवार थे। चुनाव परिणाम में भाजपा ने 48 सीटें हासिल हैं। आम आदमी पार्टी 22 सीटों पर जीती, जबकि कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला। पांच फरवरी को करीब 13 हजार से अधिक बूथों पर कुल 60.54 फीसदी मतदान हुआ था।
बता दें कि लगातार तीन बार इस सीट का प्रतिनिधित्व करने वाली दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 2013 विधानसभा चुनाव में शिकस्त देकर अरविंद केजरीवाल दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुए थे। उन्होंने लगातार तीन बार इस विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया। आम आदमी पार्टी को यहां बड़ा झटका लगा है। नई दिल्ली सीट से पूर्व सीएम और आप प्रत्याशी अरविंद केजरीवाल हार गए हैं। भाजपा के प्रत्याशी प्रवेश वर्मा जीत गए हैं। कांग्रेस ने इस सीट से संदीप दीक्षित को चुनावी मैदान में उतारा था। प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल को 4089 से हराया है। कालकाजी सीट से आप प्रत्याशी आतिशी चुनाव जीत गई हैं। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी को 3521 वोटों से हराया है।
बता दें कि कालकाजी सीट सबसे चर्चित सीटों में शामिल है। इस बार आम आदमी पार्टी ने कालकाजी सीट से मुख्यमंत्री आतिशी को टिकट दिया। वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक अलका लांबा को उतारा। इन चेहरों के कारण कालकाजी सीट एक बार फिर हॉट सीट बन गई। वहीं भाजपा ने यहां से रमेश बिधूड़ी को टिकट दिया। कालका सीट से उम्मीदवार बनाए गए बिधूड़ी अपने बयानों की वजह से विवादों में रहते हैं। जंगपुरा सीट से आप प्रत्याशी मनीष सिसोदिया 675 वोटों से हार गए हैं। भाजपा के प्रत्याशी तरविंदर सिंह मारवाह ने यहां जीत दर्ज की है।
हार के बाद आम आदमी पार्टी नेता और जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार मनीष सिसोदिया ने कहा, “जंगपुरा के लोगों ने बहुत प्यार दिया लेकिन लगभग 600 वोट से हम पीछे रह गए। जो उम्मीदवार जीते हैं, हम उन्हें बधाई देते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि जंगपुरा के लोगों की समस्याओं को वे हल करेंगे। करावल नगर सीट से भाजपा के कपिल मिश्रा जीत गए हैं। आम आदमी पार्टी के मनोज त्यागी को उन्होंने 23355 वोटों से हराया है। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सौरभ भारद्वाज हार गए हैं। भाजपा की शिखा राय ने उन्हें 3188 वोटों से हराया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत के साथ 27 साल बाद सत्ता में वापसी की है।
भाजपा ने पिछले चुनाव (2020) के मुकाबले वोट शेयर में 9 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हुआ। वहीं आप को 10 प्रतिशत से ज्यादा का नुकसान हुआ है। कांग्रेस को भले ही एक भी सीट नहीं मिली लेकिन वोट शेयर 2 प्रतिशत बढ़ाने में सफल रही। बीजेपी की चुनावी जीत के पीछे एक रणनीतिकार होता है जो चुनाव लड़ने से लेकर उसके नतीजों के लिए भी जिम्मेदार होता है, परंतु सबसे ताकतवर होता है मतदाता जो सत्ता का ताज पहना सकता है तो झटके से उतार भी सकता है।
साथियों बात अगर हम फ्रांस के मौजूदा संसदीय चुनाव की करें तो, पहले चरण के चुनाव के बाद उनकी पार्टी हार के बेहद करीब रही थी। मैक्रों इस समय फ्रांस के राष्ट्रपति हैं और 2027 तक इसी पद पर बने रहेंगे। हालांकि देश के संविधान के तहत वह तीसरी बार इस पद के लिए नहीं लड़ सकते और बतौर राष्ट्रपति उनका कार्यकाल इसी के साथ खत्म हो जाएगा। लेकिन संसदीय चुनावों में हार उनकी पार्टी के लिए बड़ा झटका साबित हुई।
साथियों बात अगर हम ब्रिटेन में 4 जुलाई 2024 को हुए मतदान की करें तो, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को भी हार का मुंह देखना पड़ा था। इसके पूर्व के प्रधानमंत्री को भी 14 साल से सत्ता पर काबिज उनकी अगुवाई वाली कंजर्वेटिव पार्टी को सत्ता गंवानी पड़ थी। सुनक ने आठ साल में पांचवें प्रधानमंत्री के रूप में लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद अक्टूबर 2022 में शपथ ली थी, जो सिर्फ 44 दिनों तक ही सत्ता में रही थी।
साथियों बात अगर हम 5 नवंबर 2024 को अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव की करें तो, दुनिया 20 जनवरी, 2025 को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह को दूसरी बार देखा। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किए। इस यात्रा के दौरान, जयशंकर आने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक किए।डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार राष्ट्रपति का चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है। 20 जनवरी 2025 को पदभार ग्रहण किए। डोनाल्ड ट्रंप को 50.9 प्रतिशत वोट मिले। वहीं कमला हैरिस को 47.6 फीसदी मत मिले। इलेक्टोरल कॉलेज में ट्रंप को 295 और कमला हैरिस को 226 वोट मिले। अमेरिका में राष्ट्रपति के लिए बहुमत का आंकड़ा 270 था।
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अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत सहित दुनिया के मतदाताओं की ताकत का दम- दिल्ली सहित प्रमुख देश की सत्ता बदल दी। भारत की राजधानी दिल्ली सहित अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, ईरान, दक्षिण अफ्रीका के चुनावों में मतदाताओं ने दिखाया अपना रुतबा।मतदाता राजनीतिज्ञों के भाग्य विधाता है- हर मतदाता को अपने वोट का प्रयोग पूर्ण विवेक और विश्वास के साथ करना जरूरी।
(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)
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