कोरोना से उबर चुके आशीष शर्मा की कहानी, उन्हीं की जुबानी

  • दृढ़ इच्छाशक्ति के दम पर जीता कोरोना से जंग, ध्यान लगाने से मिली सकारात्मक ऊर्जा : आशीष शर्मा

अगर दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो आप कोरोना से चल रही जंग को मात दे सकते हैं। यही नहीं ध्यान लगाने से  सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह कहना है देशभर में बाल भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए 17000 किलोमीटर की यात्रा कर चुके दिल्ली के रहने वाले आशीष शर्मा का। दिल्ली के समयपुर बादली के रहने वाले आशीष शर्मा ने बताया कि कुछ समय पहले उन्हें सर्दी जुकाम और बुखार हो गया था।

बुखार नहीं उतरने पर उन्होंने 27 फरवरी 2021 को कोरोना की टेस्ट करवाई, जिसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, अतः उन्होंने अपने आप को परिवार के अन्य सदस्यों से बिल्कुल अलग कर लिया और गर्म पानी, काढ़ा समेत विटामिन सी की गोलियां और सिर्फ घर का गर्म खाना खाया।

आशीष शर्मा

उन्होंने बताया कि शुरुआत के 3 दिन काफी मुश्किल भरे थे हर समय पूरे परिवार की चिंता सताती थी परंतु 3 दिन के बाद उन्होंने खुद को संभाला तथा ध्यान लगाना और जो करना शुरू किया। उनका कहना है कि कोरोना का इलाज आपके भीतर ही है, सिर्फ सकारात्मक सोचें। मैंने खुद को शोरगुल, होहल्ला से दूर बस स्वयं को शांत रखा।

बाहर से दवाई ज्यादा नही खाई, सिर्फ आयुषी हर्ब्स जिनका ब्रांड एम्बेसडर मैं स्वयं हूँ, उन्होंने जीवनधारा हर्बल इम्युनिटी घर भेजा और शुरुआती 3 दिन में ही लगभग सही हो गया उसके बाद घर पर बना काढ़ा लगातार ही पी रहा हूँ कुछ नियमित मात्रा में।

मैडिटेशन सिर्फ आपको आपसे नही जोड़ता वह आपको शक्ति भी देता है, जिसमे आप लड़ पाते हैं स्वयं के भीतर अपनी बीमारियों से। स्वयं को शांत रखे बस स्वीकृति के साथ। इससे निश्चित आपलोगों को फायदा होगा, बिना वजह के पैनिक न करे।

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