महाकुंभ में भगदड़ सरकार की अव्यवस्था को उजागर करता है : कुणाल घोष

कोलकाता। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में बुधवार देर रात भगदड़ मच गई। इससे कुछ श्रद्धालु घायल हो गए। हादसे को लेकर विपक्ष ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि महाकुंभ में जो हादसा हुआ है, वह बहुत दुखद घटना है।

अगर हम बात गंगासागर की करें, तो हमारी सीएम ममता बनर्जी मौके का दौरा करती हैं, पूरी योजना की निगरानी करती हैं, साथ ही राज्य सरकार के कई मंत्रियों को वहां तैनात किया जाता है, जो वहां पर नजर बनाए रखते हैं।

साथ ही वरिष्ठ प्रशासक व पुलिस अधिकारी अलर्ट रहते हैं और यह उचित योजना के साथ होता है। कुंभ में जो कुछ भी हुआ, वह वहां की अव्यवस्था को दिखाता है। वहां कोई निगरानी नहीं थी, कोई बुनियादी ढांचा नहीं था, कोई संकट प्रबंधन नहीं था।

यह यूपी सरकार और केंद्र सरकार की विफलता है, क्योंकि केंद्र सरकार कुंभ में मदद करती है, जबकि गंगासागर के मेले में केंद्र सरकार से कोई मदद नहीं मिलती है। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि कुंभ के आयोजन में 10 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा खर्च हुआ है। आखिर कहां गई राशि? अगर व्यवस्था अच्छी होती, तो आज इस तरह की स्थिति पैदा ही नहीं हुई होती। इस घटना में सैकड़ों लोग जख्मी हो गए।

भाजपा इस महाकुंभ के माध्यम से प्रचार में लगी हुई थी और कुंभ के माध्यम से राजनीतिक लाभ अर्जित करने की कोशिश कर रही थी। महाकुंभ में बुधवार सुबह उस समय भगदड़ मच गई, जब श्रद्धालु और संत पवित्र स्नान के लिए संगम की ओर बढ़ रहे थे।

टेंट सिटी में श्रद्धालुओं की अचानक उमड़ी भीड़ के कारण अफरा-तफरी मच गई। कथित तौर पर उनमें से कुछ ने ‘संगम’ तक पहुंचने के लिए बैरिकेड्स तोड़ दिए, जिससे वहां भगदड़ मच गई। इससे 30 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए।

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