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तारकेश कुमार ओझा, कोलकाता : सीआरपीएफ देश का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल तो है ही, देश की आंतरिक सुरक्षा में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
शुक्रवार को पश्चिम बंगाल सेक्टर, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, द्वारा तृतीय वेतार वाहिनी, के0रि0पु0 बल साल्ट लेक, कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में वीरता पदक अलंकरण में यह बात वरीय अधिकारियों ने कही। इस अवसर पर नितिन अग्रवाल, भापुसे, पुलिस अपर महानिदेशक, मध्य अंचल, मुख्य अतिथि के रूप में सम्मलित हुए।
उन्होंने 43 बहादुर अधिकारियों और जवानों को वीरता, साहस, समर्पण और सबसे बढ़कर आतंकवादियों से लड़ने में मातृभूमि के प्रति समर्पण की भावना के लिए वीरता पुलिस पदक (पीएमजी) से सम्मानित किया, जिसमें सीआरपीएफ का नाम गौरवान्वित हुआ है। इस अवसर पर प्रदीप कुमार सिंह, पुलिस महानिरीक्षक, पश्चिम बंगाल सेक्टर, सीआरपीएफ, आरएनएस, बहाद, पुलिस महानिरीक्षक, मध्य अंचल, और सीआरपीएफ के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, यूनिटों के प्रतिनिधि और जवान एवं उनके परिवार के सदस्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे ।
मुख्य अतिथि श्री नितिन अग्रवाल, भापुसे, पुलिस अपर महानिदेशक, मध्य अंचल ने सभी 43 पदक प्राप्तकर्ताओं एवं अधिकारियों और कार्मिकों को संबोधित करते हुए बधाई दी और पुलिस पदक’ से सम्मानित सभी कार्मिकों को प्रोत्साहित किया तथा उनका मनोबल बढ़ाया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह का सम्मान न केवल बल के कर्मियों के मनोबल को बढ़ावा देता है बल्कि राष्ट्र के प्रति सेवा करने की उनकी प्रतिबद्धता को और अधिक उत्साह और जुनून के साथ मजबूत करती है।
विदित है की, सीआरपएफ देश का सबसे बड़ा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है और यह गौरव और सफलता के लिए अपने आंतरिक सुरक्षा योद्धाओं की बहादुरी और कर्तव्य के प्रति दृढ़ निष्ठा के लिए सबसे ज्यादा वीरता पदक से सम्मानित होने वाला सशत्र बल भी है।
यह बल 27 जुलाई, 1939 को क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में गठित हुआ था एवं देश की आजादी के बाद वर्ष 1949 में इसका नाम बदल कर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के रूप में रखा गया है।
पिछले 82 वर्षों में, जैसे-जैसे राष्ट्र आगे से बढ़ता गया, सीआरपीएफ भी 246 बटालियन के साथ देश का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल के रूप में उभरा है। यह नक्सल विरोधी अभियान, दंगा नियंत्रण, उग्रवाद व आतंकवाद विरोधी, के साथ देश की आंतरिक सुरक्षा के रखरखाव के लिए नामित बल है। चुनाव, प्राकृतिक आपदाओं, श्री अमरनाथजी यात्रा और इसके अलावा सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट जैसे कोविड -19 प्रेरित महामारी के दौरान भी बल की दृश्यता और दायित्व महत्वपूर्ण है।