पुणे से तारकेश कुमार ओझा : महाराष्ट्र के दूसरे सबसे बड़े शहर पुणे में नजर आने वाली खुबसूरत इमारतें और शानदार हाउसिंग कांप्लेक्स इस शहर की भव्यता का अहसास कराते हैं, लेकिन स्थानीय लोग बताते हैं कि ज्यादातर ऐसे क्षेत्र शहर के बाहरी हिस्से हैं। पुराना पुणे अब भी काफी व्यस्त और भीड़ भरा है।
यह भव्य शहर विगत 24 और 25 अक्टूबर को सोशल मीडिया फाउंडेशन के राष्ट्रीय अधिवेशन में सोशल मीडिया के जरिए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने को विद्वजनों में हुई गहन मंत्रणा का साक्षी बना। शहर के पिंपरी में आयोजित इस सम्मेलन में देश के कोने-कोने से पहुंचे प्रबुद्ध जनों ने तय लक्ष्य की प्राप्ति के लिए समाज की भूमिका पर मंथन किया और बहुमूल्य सुझाव दिए।
सम्मेलन में किशोरभाई भंडारी, गोपाल लोधा, प्रवीण भंडारी, डॉ. अरविंद जैन, हेमंत जैन, अखिल बंसल, प्रशांत मानेकर जैन, नितिन ललवानी, अर्जुन सिंह चंदेल, सतीश सिन्ह, एन पी अग्रवाल, योगेश भंडारी, श्रीपाल भंडारी, डॉ. एन.के. खिचा, जोशीला पगारिया, अनुपमा जैन, अल्पना जैन, अभय रुणवाल वाल, अर्जुनसिंह चंदेल, पी.एन. अग्रवाल, नितिन ललवाणी, अशोक मुणोत, प्रकाश जाधव, विजय जैन, स्वीटी ओस्तवाल आदि मान्यवर उपस्थित थे।
दो सत्रों में हुए समूचे कार्यक्रम के तहत आयोजकों ने उद्देश्य के विभिन्न पहलुओं को समेटने की कोशिश की।
संगठनों खासकर स्वयंसेवी संस्थाओं की भीड़ में सोशल मीडिया फाउंडेशन के गठन का औचित्य और उपयोगिता क्या है? इस सवाल का जवाब देते हुए संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष किशोर भंडारी ने कहा कि इसके माध्यम से समूचे देश में समाज और राष्ट्र को समर्पित जागरूक लोगों की टीम तैयार की जाएगी। इसके माध्यम से हम सामाजिक अन्याय तथा सामाजिक विसंगतियों को दूर करने की अलख जगाएंगे। उन्होंने कहा कि देश के अधिसंख्य राज्यों में समितियां गठित हो चुकी है। शेष प्रदेशों में पदाधिकारियों का मनोनयन जारी है।