हिन्दी साहित्य भारती पश्चिम बंगाल की प्रांतीय शाखा ने किया- आजादी के बाद : भारत, विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी

कोलकाता। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गत शनिवार 25 जनवरी 2025 को हिन्दी साहित्य भारती पश्चिम बंगाल की प्रांतीय शाखा ने एक गोष्ठी आहूत की थी, विषय था -आजादी के बाद : भारत। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. राम निवास शुक्ल; हिन्दी साहित्य भारती के केन्द्रीय कार्यकारिणी के संगठन मंत्री उपस्थित थे। विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रतिभा त्रिपाठी उपस्थित थीं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता परोक्ष रूप से वरिष्ठ साहित्यकार, पत्रकार डॉ. आनंद पाण्डे ने की। कार्यक्रम का संयोजन स्वागता बसु ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था के ध्येय गीत से हुआ जिसे विजय ईस्सर ‘वत्स’ ने प्रस्तुत किया। मातृवंदना लता चौहान ने अपने मधुर स्वर में की। सरस्वती वंदना और स्वागत भाषण प्रांतीय अध्यक्ष हिमाद्रि मिश्र ने की।

गूगल मीट पर हुए इस कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रांतीय महामंत्री नीलम झा ने किया। उपरोक्त विषय पर जिन कवियों ने प्रस्तुति दी उनके नाम हैं रंजना झा, पुष्पा मिश्र , मनोज मिश्र , विजय ईस्सर, भारती मिश्र, सुषमा पटेल, प्रतिभा त्रिपाठी और नंदु बिहारी मिश्र। जिन साहित्य साधकों ने चर्चा की उनमें प्रमुख रहे डॉ. प्रकाश ठाकुर, नीलम झा, सुजाता साहा और डॉ. राम निवास शुक्ल।

डॉ. शुक्ल ने अपने वक्तव्य में इस बात पर प्रकाश डाला कि ‘व्यक्ति की सकारात्मक सोच, अनुशासन और कर्त्तव्य बोध ही समाज या राष्ट्र की प्रगति में सहायक होती है।’ कार्यक्रम में श्रोता के तौर पर दीपक सिंह, आशीष कुमार सिंह, स्वागता बसु , सुशील सागर आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का अंत रंजना झा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।

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