पूरे देश में पेपर लीक को लेकर कोहराम मचा- 7 वर्षों में 70 पेपर लीक का इतिहास कैसे रचा?
नेट व नीट 2024 के संभावित पेपर लीक से 35 लाख छात्रों पर पड़ने वाले भारी दुष्परिणाम के जिम्मेदार दोषियों को शीघ्र सख्त सजा देना जरूरी- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। पूरे भारत में पिछले कुछ दिनों से पेपर लीक की फिर वही स्थितियां दोहराई जा रही है और पूरे देश में यूजीसी नेट व नीट यूजी पेपर लिक को लेकर कोहराम मचा हुआ है। अनेक हाई कोर्ट्स से लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए के खिलाफ सख्त टिप्पणी भी की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने 20 जून 2024 को रात्रि 8 बजे से उपर तक चली प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरी सफाई दी ग्रेस मार्क हटा देने से सुलझा मामला बताया। 23 जून 2024 को उनकी परीक्षा है। 30 जून को रिजल्ट आएगा व 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में नीट यूजी मामले की पहली सुनवाई होगी, तब तक काउंसलिंग पर रोक नहीं लगाई गई है। उधर विपक्षी पार्टियों व युवा नेता लगातार शाब्दिक हमले कर रहे हैं कि परीक्षा पर चर्चा में आकर टिप्स देने वाले आज छात्रों की मुश्किल घड़ी में चुप्पी धारण किए हुए हैं। रूस, यूक्रेन, इसराइल, हमास मामले में एक झटके में युद्ध रोकने वाले अपने ही घर में पेपर लीक नहीं रुकवा पा रहे हैं इत्यादि। सभी बातें आज दिन भर प्रिंट, इलेक्ट्रानिक व सोशल मीडिया तथा टीवी चैनलों पर चलती रही। जिसे मैं बहुत ध्यान व गंभीरता से देख पढ़ व सुना और मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि इस पूरे मामले पर जो मशक्कत हो रही है, यह हर बार होता रहता है।
अब समय आ गया है, इस पेपर लीक का स्थाई समाधान करना जरूरी है। क्योंकि मीडिया में मैंने पढ़ा पिछले 7 वर्षों में 70 से अधिक पेपर लीक मामले आ चुके हैं। जिससे 1.5 करोड़ छात्र प्रभावित हुए हैं जो एक दुखद बात है। मैंने टीवी चैनलों पर छात्रों से ग्राउंड रिपोर्टिंग पर की गई बातचीत सुनी तो दिल पसीज उठा कि आखिर हम आज विजन 2047, 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था व पूर्ण विकसित देश की बात कर रहे हैं और जो इन विजन को पूरा करने वाले हैं वह आज के छात्र हैं, जो कल वैज्ञानिक, इंजीनियर, डॉक्टर, तकनीकी इत्यादि विशेषज्ञ बनने जा रहे हैं परंतु यदि वे ही पेपर लीक माध्यम वाले होंगे और वास्तविक इंटेलिजेंट छात्र फुटपाथ पर पकौड़े तलेंगे तो फिर हमारी बात दूर की कौड़ी साबित होगी, जिसे गंभीरता से रेखांकित करना होगा। क्योंकि यह बात ग्राउंड रिपोर्टिंग पर छात्रों ने कही है। चूंकि आज पूरे देश में पेपर लीक मामले का कोहराम मचा हुआ है। 7 वर्षों में 70 से अधिक पेपर लीक वह 1.5 0 करोड लोग इससे प्रभावित हुए हैं, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, विजन 2047 के स्पीड ब्रेकर रूपी पेपर लीक पर तात्कालिक स्थाई कार्यवाही रूपी बुलडोजर चलाना समय की मांग है।
साथियों बात अगर हम इस पूरे मुद्दे व गतिविधियों को समझने की करें तो, नीट परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए बड़ी खबर, फिर से परीक्षा होने पर किया जा सकता है याने संभावना हो सकती है। नीट परीक्षा से बिगड़ रही साख को बचाने शिक्षा मंत्रालय सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है। फिलहाल जो जानकारी सामने आयी है उसके अनुसार मंत्रालय ने छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए उन सभी विकल्पों पर गौर करने को कहा है कि जिसमें फिर से परीक्षा कराने जैसे विकल्प भी शामिल है। हालांकि अभी इस पर किसी तरह का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। मेडिकल में दाखिले से जुड़ी परीक्षा नीट-यूजी में गड़बड़ियों के लग रहे नए-नए आरोपों और सुप्रीम कोर्ट की मंगलवार को आई तल्ख टिप्पणी के बाद शिक्षा मंत्रालय पूरी तरह से हरकत में दिखा। शिक्षा मंत्री ने खुद इस मुद्दे पर आला अधिकारियों के साथ लंबी बैठक की। जिसमें नीट से जुड़े विवाद के सभी पहलुओं पर गंभीरता से चर्चा हुई है। फिलहाल जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार मंत्रालय ने छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए उन सभी विकल्पों पर गौर करने को कहा है कि जिसमें फिर से परीक्षा कराने जैसे विकल्प भी शामिल है। हालांकि, अभी इस पर किसी तरह का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। मंत्रालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो केंद्रीय मंत्री प्रधान इस दौरान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के रवैए को लेकर भारी नाराज है। उनका मानना था कि एनटीए को परीक्षा को लेकर जिस तरह से पारदर्शिता रखना चाहिए था और गड़बड़ियों के सामने आने पर आगे बढ़कर काम करना था जो उनसे नहीं किया।
माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में आठ जुलाई को नीट मामले की प्रस्तावित सुनवाई के बाद इस मामले में एनटीए के आला अधिकारियों पर गाज गिरना तय है। जिसमें एनटीए डीजी पर भी इस मामले में बड़ी कार्रवाई हो सकती है। शिक्षा मंत्री प्रधान लगातार एनटीए को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए और कह रहे हैं कि यदि इनमें एनटीए की गड़बड़ी मिली तो उसे भी जवाबदेह बनाएंगे और जो भी इसमें शामिल होगा, उसे छोड़ेंगे नहीं। मीडिया की मानें तो मंत्रालय ने इस सभी विकल्पों को लेकर अधिकारियों से फीडबैक ली है कि कौन-सा विकल्प छात्रों के ज्यादा हित में रहेगा। हालांकि अभी किसी तरह का अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। लेकिन जो संकेत दिए जा रहे है, उसके तहत इन पर जल्द ही कोई निर्णय लिया जा सकता है। मंत्रालय का मानना है कि इस मुद्दे के ज्यादा लंबा खिंचने से उसकी साख खराब हो रही है। गौरतलब है कि एनटीए ने हाल ही में ग्रेस मार्क्स वापस लेने के बाद ग्रेस मार्क्स पाए सभी 1563 छात्रों को फिर से परीक्षा का विकल्प दिया है। जो 23 जून को प्रस्तावित है, जबकि रिजल्ट 30 जून को आएगा। हालांकि जिस तरह से परीक्षा में शामिल बाकी छात्रों के विकल्प पर फिर से चर्चा हुई है, उससे इस परीक्षा को लेकर संदेह के बादल उठने लगे है।
साथियों बात अगर हम 20 जून देर रात तक चली केंद्रीय शिक्षा मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस की करें तो, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, बहुत सारे लोगों की नाराजगी मेरे पास आई है, उनकी नाराजगी वाजिब है। मैं इस मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं। कानून के हिसाब से जो भी रास्ते होंगे उसे करना सरकार का दायित्व होगा उन्होंने कहा, मेरे पास इस जिम्मेदारी से हटने का कोई कारण नहीं है। देश के भविष्य को सुरक्षित करना पड़ेगा। पारदर्शिता को बनाए रखना होगा। बिहार पुलिस कुछ जांच कर रही है। पूरी प्रकिया के बाद जो भी जिम्मेदार होगा उस पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा, पटना पुलिस का काम सराहनीय है, कुछ जानकारी आना अभी बाकी है। लाखों मेधावी गरीब विद्यार्थियों की बात है। हम ऐसा कुछ न करें कि हमारे देश के बच्चों का भविष्य कटघरे में आ जाए। उन्होंने कहा, आईसोलेटेड घटना के लिए उनके करियर को होस्टेज में न रखा जाए। किसी भी गुनहगार को हम नहीं छोड़ेंगे। कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी। सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा, कुछ खास क्षेत्र में गड़बड़ी हुई है। विद्यार्थी हमारे देश के भविष्य हैं। संवेदनशील चीजों को लेकर अफवाहें नहीं फैलाया जाए। सारे चीजों को राजनीतिक दृष्टि से नहीं देखी जानी चाहिए।
साथियों बात अगर हम मामले में विपक्ष के रुख की करें तो, आरजेडी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, नीट के मास्टर माइंड स्वीकार कर चुके है कि उन्होंने नीट परीक्षा का प्रश्न पत्र एक दिन पहले ही उनके अभिभावकों और दलालों के मार्फ़त परीक्षार्थियों को उपलब्ध करा दिया था। बिहार पुलिस के समक्ष पकड़े गए परीक्षार्थी भी स्वीकार कर रहे है कि परीक्षा के एक दिन पहले प्रश्नपत्र उन्हें दिए गए और लीक माफिया द्वारा उन्हें सभी उत्तर भी रटा दिए गए थे और वही पेपर और सभी सवाल परीक्षा में भी आए थे। लेकिन अभी भी एनटीए पेपर लीक से इंकार कर रही है। हरियाणा और गुजरात में भी यही हुआ। हरियाणा में तो एक नेता से संबंधित एक ही परीक्षा केंद्र से 6 परीक्षार्थियों ने टॉप किया। इतने सबूत होने के बावजूद भी सरकार 30 लाख छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
संसद में सरकार को घेरने का युवाओं को अच्छा मौका मिल गया है। मान कर चलना चाहिए इस मुद्दे पर युवा नेता को पूरे विपक्ष का साथ मिलेगा। शेयर बाजार के मामले में वो जेपीसी से जांच कराने की मांग कर चुके हैं। मुश्किल ये है कि जेपीसी जांच के नाम पर राहुल गांधी को पूरे विपक्ष का साथ नहीं मिलता है। अडानी के मामले में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी तैयार नहीं हुई थी। अब अगर पेपर लीक के मामले को वो व्यापम जैसा बता रहे हैं, तो जाहिर है इस मामले में भी जेपीसी जैसी जांच की मांग कर सकते हैं। 24 जून को संसद सत्र शुरू हो रहा है और पेपर लीक को लेकर पूरे देश में कोहराम मचा हुआ है – कांग्रेस नेता याने युवा नेता ने पीएम को कठघरे में खड़ा करते हुए कटाक्ष किया है कि सुना है कि वो यूक्रेन वॉर तक रोक देते हैं, लेकिन देश में पेपर लीक क्यों नहीं रोक पा रहे हैं – या वो रोकना ही नहीं चाहते?
साथियों बात अगर हम सरकार के पास इस मामले के विकल्प की करें तो, केंद्र सरकार ने यूजीसी-नेट तो रद्द कर दिया है, नीट के मामले की जांच के लिए एक स्पेशल पैनल बनाया गया है – वैसे भी ये मामला ऐसा विकराल रूप ले चुका है कि मोदी सरकार के पास निजात पाने के बहुत कम विकल्प बचे लगते हैं।
(1) सूत्रों के हवाले से आई कुछ मीडिया रिपोर्ट से पता चलता है कि नीट एग्जाम से सरकार की साख पर आई आंच से बचने के लिए शिक्षा मंत्रालय तमाम विकल्पों पर विचार कर रहा है – और इसी क्रम में नीट परीक्षा फिर से कराये जाने पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि, ये मामला अभी किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सका है।
(2) हो सकता है सुप्रीम कोर्ट में 8 जुलाई को नीट केस की सुनवाई के बाद एनटीए के महानिदेशक सहित आला अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेकर रस्म अदायगी कर दी जाए।
अतः अगर हम उपयोग पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि विजन 2047 के स्पीड ब्रेकर रूपी पेपर लीक पर तात्कालिक स्थाई कार्यवाही रूपी बुलडोजर चलाना समय की मांग। पूरे देश में पेपर लीक को लेकर कोहराम मचा-7 वर्षों में 70 पेपर लीक का इतिहास कैसे रचा? नेट व नीट 2024 के संभावित पेपर लीक से 35 लाख छात्रों पर पड़ने वाले भारी दुष्परिणाम के जिम्मेदार दोषियों को शीघ्र सख्त सजा देना जरूरी।
(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)
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