New Delh : गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के अनुसार, इन तीन राज्यों में BSF का क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर भीतर तक होगा। पहले यह दायरा 15 किलोमीटर था। बीएसएफ के अधिकारी पुलिस की तरह ही तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी कर सकते हैं।
BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने पर बंगाल में हो हल्ला शुरू होने पर शुभेंदु अधिकारी ने किया बचाव करते हुए कहा कि, इससे ‘घुसपैठिए, ड्रग और गाय तस्करी पर लगेगी लगाम’।
पश्चिम बंगाल के साथ-साथ पंजाब और असम में सीमा सुरक्षा बल (BSF) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने का विपक्ष ने विरोध किया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने इस कदम को ‘तर्कहीन फैसला’ बताते हुए इसे ‘संघवाद पर सीधा हमला’ करार दिया है। जबकि पश्चिम बंगाल ने नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि इससे सीमा पर हो रही घुसपैठ, ड्रग तस्करी और गाय तस्करी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के अनुसार, इन तीन राज्यों में BSF का क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर भीतर तक होगा। पहले यह दायरा 15 किलोमीटर था। बीएसएफ के अधिकारी पुलिस की तरह ही तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी कर सकते हैं। बीएसएफ अधिकारियों का कहना है कि इससे अब उन्हें घुसपैठियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट किया, “मैं भारत के माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी को बधाई देता हूं, आशा है कि पश्चिम बंगाल की सीमा को मजबूत करने से नशीले पदार्थों और गाय की तस्करी और घुसपैठ के मुक्त बहने वाले अवैध व्यापार को समाप्त कर दिया जाएगा, जो पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी और पुलिस के संरक्षण में परिचालित हो रही है।”
दूसरी ओर पश्चिम बंगाल के यातायात मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के नेता फिरहाद हकीम ने कहा कि केंद्र सरकार ‘देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन’ कर रही है। फिरहाद हकीम ने कहा कि ‘कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है लेकिन केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों के जरिए दखल देने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भी बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया।
सूत्रों का कहना है कि नए बदलाव के बाद, सीमावर्ती इलाकों में उनके लिए नारकोटिक्स/हथियारों की तस्करी के खिलाफ ऑपरेशंस को अंजाम देने में आसानी होगी। एक अधिकारी ने कहा, ‘हम सीमा के 50 किलोमीटर भीतर तक ट्रैफिकर्स और घुसपैठियों की एंट्री और मूवमेंट से जुड़ी सूचना पर ऐक्शन ले सकते हैं। अब हमें 15 किलोमीटर से ज्यादा आगे जाने के लिए राज्य पुलिस से कोऑर्डिनेट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।