गणतंत्र दिवस की झांकियों में दिखा जांबाजों का अदम्य शौर्य, लोक कलाओं, और सांस्कृतिक परंपराओं का अनोखा संगम

नयी दिल्ली। चौहतरवें गणतंत्र दिवस के मौके पर यहां कर्त्तव्य पथ पर आयोजित मुख्य समारोह के दौरान निकाली गयी झांकियों में भारतीय सैनिकों के अदम्य शौर्य, विभिन्न लोक कलाओं और सांस्कृतक परम्पराओं का अनोखा संगम देखने को मिला। इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी उपस्थित रहे। इस बार कर्तव्य पथ पर झांकी का विषय उत्साह, देशभक्ति का जज्बा और जनभागीदारी था। इस बार देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक प्रगति और मजबूत आंतरिक तथा बाहरी सुरक्षा को दर्शाती 23 झांकियां निकाली गयीं, जिनमें विभिन्न राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की 17 और विभिन्न मंत्रालयों / विभागों की छह झांकियां शामिल थीं।

इस साल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ ) की झांकी का विषय ‘प्रभावी निगरानी, संचार और खतरों को बेअसर करने वाले राष्ट्र को सुरक्षित करना’ था। इसके पहले भाग में अंडरवाटर सर्विलांस प्लेटफॉर्म प्रदर्शित किया गया, जिसमें पनडुब्बियों के लिए यूशस -2 जैसे सोनार, जहाजों के लिए हम्सा श्रृंखला के सोनार और हेलीकॉप्टर लॉन्च निगरानी के लिए कम आवृत्ति वाले डंकिंग सोनार शामिल किए गए थे।

वहीं, दूसरे भाग में डी4 काउंटर ड्रोन सिस्टम को प्रदर्शित करने वाले लैंड सर्विलांस, कम्युनिकेशन और न्यूट्रलाइजिंग प्लेटफॉर्म था, जो रियल टाइम सर्च, डिटेक्शन, ट्रैकिंग और लक्ष्यों को बेअसर कर सकने में सक्षम थे। डीआरडीओ की झांकी में क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल वेपन सिस्टम, बैटरी मल्टीफंक्शन रडार और मिसाइल लॉन्चर व्हीकल की दो इकाइयां भी प्रदर्शित की गयी। इसके तीसरे भाग में एरियल सर्विलांस और कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम और तापस बीएच मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस यूएवी को प्रदर्शित किया गया।

झांकी के पिछले हिस्से में अर्धचालक अनुसंधान एवं विकास सुविधा के माध्यम से डीआरडीओ की अनुसंधान गतिविधियों का प्रतिनिधित्व किया। स्वदेशी रूप से विकसित व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (डब्ल्यूएकएपी ), एक मॉड्यूलर 8X8 पहिए वाला कॉम्बैट प्लेटफॉर्म 70 टन के ट्रेलर पर ले जाया जा रहा था, जिसे डीआरडीओ द्वारा उपकरण के रूप में प्रदर्शित किया गया।

भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) के मार्चिंग दल का नेतृत्व डिप्टी कमांडेंट रोहित सिंह कर रहे थे। आईसीजी, 157 जहाजों और 78 विमानों के साथ, समुद्र में और समुद्र के खतरों का मुकाबला करने में सक्षम है। इसकी पहुंच और क्षमता का प्रदर्शन ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में दूर-दराज के 100 आबाद और गैर-आबादी वाले द्वीपों पर ध्वजारोहण के दौरान किया गया। सहायक कमांडेंट पूनम गुप्ता के नेतृत्व में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ ) का दल कर्तव्य पथ पर निकला।

सहायक सुरक्षा आयुक्त सौरव कुमार के नेतृत्व में रेलवे सुरक्षा बल और सहायक पुलिस आयुक्त श्वेता एस सुगथन के नेतृत्व में दिल्ली पुलिस का दस्ता भी कर्तव्य पथ पर निकला। वहीं, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ऊंट टुकड़ी डिप्टी कमांडेंट मनोहर सिंह खीची ने नेतृत्व में सलामी मंच के सामने से गुजरा। इसमें पहली बार महिला ऊंट सवार शामिल हुईं, विभिन्न क्षेत्रों में महिला सशक्तीकरण का प्रदर्शित किया। राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) लड़कों की मार्चिंग टुकड़ी का नेतृत्व महाराष्ट्र निदेशालय के वरिष्ठ अवर अधिकारी पुजारी शिवानंद ने किया।

इसमें 148 वरिष्ठ डिवीजन कैडेट शामिल थे। ओडिशा निदेशालय की वरिष्ठ अवर अधिकारी सोनाली साहू ने सभी 17 निदेशालयों से लिए गए 148 वरिष्ठ डिवीजन कैडेटों वाली एनसीसी गर्ल्स मार्चिंग टुकड़ी का नेतृत्व किया। हिमाचल प्रदेश से एनएसएस, चंडीगढ़ के क्षेत्रीय निदेशालय की आंचल शर्मा के नेतृत्व में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) का मार्चिंग दल सलामी मंच के सामने से गुजरा।

इसमें 148 स्वयंसेवक शामिल थे। इस साल बहादुरी, कला एवं संस्कृति, खेल, नवाचार और समाज सेवा के क्षेत्र में असाधारण क्षमता तथा उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले 11 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, ये बच्चे जीप में सवार होकर कर्तव्य पथ पर सलामी मंच के सामने से गुजरे।

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