कोलकाता। राज्य के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के बाद अग्निशमन कर्मियों की नियुक्ति में हुई धांधली का मामला भी पश्चिम बंगाल सरकार के गले की फांस बनने जा रहा है। गुरुवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश राज शेखर मंथा ने राज्य सरकार से पूछा है कि अग्निशमन कर्मियों की नियुक्ति में हुई धांधली मामले में सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के विधायक तापस साहा की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई। आगामी 10 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई होनी है। उसके पहले राज्य सरकार को हलफनामा के जरिए इसका जवाब देना है।
राज्य पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक दस्ता इस मामले की जांच कर रहा है। कोर्ट ने उसे जांच जारी रखने को कहा है। वर्ष 2018 में ही तापस पर नियुक्ति मामले में रुपये की वसूली के आरोप लगे थे। उसके बाद एफआईआर दर्ज हुई थी जिसमें तापस सहित चार लोगों का नाम था। इन लोगों की तो गिरफ्तारी हुई थी लेकिन तापस से पुलिस ने पूछताछ तक नहीं की। इसके अलावा पुलिस ने समय पर चार्जशीट भी पेश नहीं की जिसकी वजह से गिरफ्तार किए गए बाकी तीन लोगों को न्यायालय से जमानत मिल गई थी।
2018 में हुई अग्निशमन कर्मियों की नियुक्ति मामले को लेकर आरोप लगे थे कि तापस साहा ने अपने गिरोह के साथ मिलकर पांच करोड़ रुपये की वसूली की थी। इस सिलसिले में पुलिस की भूमिका को लेकर भी हाईकोर्ट ने सवाल खड़ा किया। तापस के खिलाफ सीबीआई जांच की याचिका कलकत्ता हाईकोर्ट में लगी है। इसी मामले में एक दिन पहले ही न्यायाधीश ने जांच के लिए हरी झंडी देने का संकेत देते हुए कहा था कि फिलहाल केंद्रीय एजेंसी नियुक्ति संबंधी भ्रष्टाचार की जांच कर रही है और यह मामला भी उसी तरह का है इसलिए केंद्रीय एजेंसी को देने के बारे में उचित फैसला लिया जाएगा।