नयी दिल्ली। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस ने शुक्रवार को कहा कि पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम के दूसरे चरण के लिए विदेश मंत्रालय ने उसे चुना है। टीसीएस ने एक बयान में कहा कि कार्यक्रम के अगले चरण में कंपनी वर्तमान सुविधाओं और प्रणालियों पर नए सिरे से काम करेगी, ई-पासपोर्ट जारी करने के लिए नवोन्मेषी तरीके विकसित करेगी और बायोमैट्रिक्स, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, आधुनिक डेटा एनालिटिक्स, चैटबोट्स, ऑटो-रेस्पांस, प्राकृतिक भाषा प्रक्रिया और क्लाउड जैसी प्रौद्योगिकियों की मदद से लोगों के अनुभव को बेहतर बनाएगी।
पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम की शुरुआत 2008 में हुई थी और इसके तहत टीसीएस ने पासपोर्ट से जुड़ी सेवाएं प्रदान करने के तरीके बदले, प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण किया तथा समयबद्धता, पारदर्शिता और निर्भरता के मामले में वैश्विक मापदंड स्थापित किए। टीसीएस बिजनेस यूनिट प्रमुख (सार्वजनिक क्षेत्र) तेज भाटला ने कहा कि डिजिटल इंडिया के निर्माण में टीसीएस महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।