नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने शेल्टर होम का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान शेल्टर होम में क्षंमता से अधिक बच्चियां पायी गईं। छोटे से शेल्टर होम में 78 लड़कियां रह रही हैं। इसके अलावा शेल्टर होम के कमरे बेहद छोटे थे और वेंटिलेशन की कोई सुविधा नहीं थी। शेल्टर होम चारों तरफ से बंद है और जेल जैसा प्रतीत होता है? राजेंद्र पाल गौतम और स्वाति मालीवाल ने कमला नगर स्थित शेल्टर होम का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान शेल्टर होम में कई समस्याएं पायी गईं।
इसके अलावा कोरोना के दौर में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क बेहद जरूरी है। ऐसे में टीम ने पाया की अधिकतर बच्चों ने मास्क तक नहीं पहने हुए थे। छोटे-छोटे कमरों में बच्चों के बीच सामाजिक दूरी रखना भी लगभग असंभव है। भीषण गर्मी के समय में भी दिन के वक्त शेल्टर के कूलर नहीं चलाए जाते और बच्चों को गर्मी में रहना पड़ता है। इसके अलावा बच्चियों के कमरे साफ नहीं थे, क्योंकि कमरों की सफाई के लिए कोई अतिरिक्त स्टाफ नहीं था।
बच्चों को खुद ही अपना कमरा साफ करना पड़ता है। बच्चों के खेलने और मनोरंजन की कोई व्यवस्था नहीं है। बच्चों को हर व़क्त अंदर रखा जाता है और उन्हें बाहर निकलने की भी अनुमति नहीं है। 72 घंटे में अधिकारियों को एक्शन टेकन रिपोर्ट भी देने के निर्देश दिए हैं। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि शेल्टर होम में रहने वाले बच्चों को खास प्यार और स्नेह की आवश्यकता है।
राजेंद्र गौतम और स्वाति ने शेल्टर में खाना खाकर भी देखा, जिसमें पाया कि भोजन ठीक नहीं था। जहां पर खाना बनता है वहां बहुत गंदगी थी और कुक ने मास्क और ग्लव्स भी नहीं पहने थे। इसके अलावा लड़कियों के शेल्टर में खाना बनाने आने वाले कुक पुरुष थे। बच्चियों की सुरक्षा के मद्देनजर मंत्री ने शेल्टर होम को तुरन्त महिला कुक रखने के निर्देश दिए हैं।
शेल्टर होम में अव्यवस्था मिलने पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना के कारण बच्चों की पढ़ाई अब ऑनलाइन हो गई है, लेकिन इस शेल्टर में बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए पर्याप्त मोबाइल और कंप्यूटर भी नहीं मिले।
मंत्री राजेंद्र पाल गौतम शेल्टर होम की हालत देखने के बेहद चिंतित हुए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शेल्टर में बच्चों को साफ सुथरा और अच्छा पर्यावरण मिले। बच्चों की पढ़ाई और मनोरंजन को लेकर भी कदम उठाए जाएं। मंत्री ने 72 घंटे में अधिकारियों को एक्शन टेकन रिपोर्ट भी देने के निर्देश दिए हैं।
राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि शेल्टर होम में पहुंचकर पाया की शेल्टर किसी जेल जैसा प्रतीत होता है। बच्चों के मनोरंजन और शिक्षा के लिए भी सुविधाओं का अभाव है। केजरीवाल सरकार हर बच्चे के लिए अच्छी शिक्षा और विकास सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है। मैंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी बच्चे का भविष्य सुविधाओं के अभाव की वजह से खराब नहीं होना चाहिए।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा कि हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं की हर बच्चे का सही तरह से पुनर्वास हो सके। शेल्टर होम में हमें कई खामियां मिली और कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। वहीं शेल्टर की सुपरिटेंडेंट ने बताया की कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इस शेल्टर में रह रहे कई बच्चे संक्रमित भी हुए थे एवं कुछ को अस्पताल ले जाने की भी आवश्यकता पड़ी थी।