नयी दिल्ली। सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान आम लोगों के लिये शुरू की गयी मुफ्त राशन योजना को मार्च 2022 तक बढ़ाने का फैसला किया है। इस योजना पर कुल 2,60,000 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक के निर्णयों के जानकारी देते हुये सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कोविड महामारी के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लोगों तक मुफ्त राशन पहुंचाने के काम को चार महीने बढ़ाकर मार्च 2022 तक जारी रखने का निर्णय किया गया है
उन्होंने कहा, “ पूरी दुनिया में शायद ही कोई देश हो जो महीनों तक 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया हो।” उन्होंने कहा कि यह योजना 15 महीने से चलायी जा रही है, सरकार ने इसे चार महीने और बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक जारी रखने का फैसला किया है। इस योजना के तहत लक्षित लोगों को सस्ते राशन की सरकारी दुकानों से मुफ्त अनाज वितरित किया जाता है। एक सरकारी बयान के अनुसार मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को चार महीने और (दिसंबर 2021-मार्च 2022) बढ़ाने का फैसला किया है।
इस योजना के पांचवे चरण में खाद्य सब्सिडी पर अनुमानित 53342.52 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कार्यक्रम के पांचवें चरण में कुल 16.3 करोड़ टन अनाज की आवश्यकता होगी। ठाकुर ने बताया कि मार्च 2022 तक इस योजना के तहत कुल खर्च 2.60 लाख करोड़ रुपये होगा। इस योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत आने वाले लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम अनाज मुफ्त प्रदान किया जाता है। देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में लागातार कमी हो रही है और दैनिक नये मामले 10 हजार से नीचे आ गये हैं।
भारत में 118 करोड़ लोगों को टीके लग चुके हैं और इस तरह 80 प्रतिशत पात्र आबादी को कोरोना का कम से कम एक टीका लग चुका है। कुछ राजनीतिक दलों ने इस योजना की अवधि समाप्त होने को लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू कर दी थी। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इस योजना को और आठ महीने बढ़ाने के लिये प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था।
सरकार के आज के इस फैसले का सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी विधानसभा चुनाव में फायदा उठाने का प्रयास कर सकती है।