बंगाल में क्षेत्रीय असंतुलन के कारण सरकार और लोगों के बीच दूरी बढ़ी : राज्यपाल

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ( C.V. Anand Bose) ने अपने कार्यकाल के दो साल पूरे होने से कुछ दिन पहले अपने जमीनी अनुभवों का हवाला देते हुए राज्य के उत्तरी और दक्षिणी जिलों के बीच “क्षेत्रीय असंतुलन” को उजागर किया और दावा किया कि पूर्व क्षेत्र में समृद्धि की कमी के कारण राज्य सरकार और उसके लोगों के बीच “विच्छेद” हुआ है।

विभिन्न मुद्दों पर पीटीआई से विशेष रूप से बात करते हुए बोस ने अपनी संवैधानिक सहयोगी ममता बनर्जी का मूल्यांकन करने से परहेज किया, लेकिन यह स्पष्ट किया कि वह एक राजनेता के रूप में उनकी तुलना में मुख्यमंत्री के रूप में उनके प्रदर्शन को लेकर “अधिक चिंतित” हैं।

अब तक के अपने कार्यकाल पर संतोष व्यक्त करते हुए बोस ने कहा, “इन दो वर्षों ने मुझे कई सकारात्मक बातें सिखाई हैं। यह एक बहुत ही परिष्कृत राज्य है, जो कला और संस्कृति पर बहुत जोर देता है।” उन्होंने कहा, “लेकिन राज्य में कुछ समस्याएं हैं, खासकर उत्तरी बंगाल में, जहां क्षेत्रीय असंतुलन है और इसके कारण एक विच्छेद पैदा होता है।”

बोस ने कहा, “ममता बनर्जी के मूल्यांकन को गोपनीय रखा जाएगा। इसे पहले सक्षम अधिकारियों को सूचित किया जाएगा।”

अपने कार्यकाल की उपलब्धियों के बारे में बात करते हुए बोस ने कहा, “मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि बंगाल के लोगों की मानसिकता को समझना है, जिसने मुझे वहां के लोगों के और करीब ला दिया है। मैं ऐसा राज्यपाल बनना चाहता हूं जो लोगों के लिए सुलभ हो।

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