भोपाल। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने केंद्र सरकार से महिलाओं के लिए यौन संबंध बनाने की सहमति की उम्र 18 साल से घटाकर 16 साल करने पर विचार करने का अनुरोध किया है। खंडपीठ का कहना है कि सोशल मीडिया और इंटरनेट की आसानी से उपलब्धता के चलते लड़का और लड़की चौदह साल की उम्र के आस-पास युवावस्था तक पहुंच जाते हैं।अदालत ने कहा कि लड़के और लड़कियां जल्दी युवावस्था आने के कारण एक-दूसरे के प्रति आकर्षित हो जाते हैं और फिर सहमति से शारीरिक संबंध बनते हैं।
जस्टिस दीपक कुमार अग्रवाल ने अदालत का आदेश पढ़ते हुए कहा , ”मैं भारत सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह महिलाओं के मामले में सहमति देने की उम्र 18 से घटाकर 16 साल करने के मामले पर विचार करे, जैसे कि पहले आईपीसी में संशोधन किए गए हैं ताकि अन्याय को रोका जाए। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने कहा कि महिलाओं के लिए सहमति की उम्र 18 वर्ष करने से समाज का ताना-बाना ख़राब हो गया है।
दअसल 27 जून को अदालत ने एक व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर को रद्द कर दी था, जिस पर 2020 में एक नाबालिग लड़की से बार-बार बलात्कार करने और उसे गर्भवती करने का आरोप था। इसी फैसले के दौरान अदालत ने केंद्र सरकार से लड़कियों के मामले में सहमति की उम्र घटाने पर विचार करने का अनुरोध किया है।