कोलकाता। पश्चिम बंगाल में एक निजी बैचलर ऑफ एजुकेशन (बी.एड)-कम-डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) कॉलेज के एक प्रशासक ने आरोप लगाया कि कॉलेज के अधिकारियों को जबरन तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के बेटे के बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया गया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में पूछताछ के लिए सोमवार को ऐसे कई निजी बी.एड-कम-डी.एल.एड कॉलेजों के प्रशासकों को तलब किया था।
उनमें से एक उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट में महाबोधि कॉलेज के प्रतिनिधि सुजीत सरकार ने यह आरोप मीडियाकर्मियों के समक्ष लगाया। उन्होंने बताया मेरे कॉलेज के अधिकारियों को माणिक भट्टाचार्य और उनके करीबी तापस मोंडल के आदेश के बाद एक विशेष बैंक खाते में एकमुश्त राशि स्थानांतरित करनी पड़ी। बाद में मुझे पता चला कि वह विशेष खाता माणिक भट्टाचार्य के बेटे का था। उन्होंने कथित तौर पर यही सूचना ईडी के अधिकारियों को भी दी।
मोंडल ऑल बंगाल टीचर्स ट्रेनिंग अचीवर्स एसोसिएशन (डब्ल्यूबीबीपीई) के अध्यक्ष हैं, जो ऐसे निजी शिक्षकों का एक अंब्रेला संगठन है। उन्होंने ईडी और मीडियाकर्मियों को यह भी बताया कि राज्य के विभिन्न निजी शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेजों द्वारा ऑफलाइन पंजीकरण के लिए 20.70 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे, जिसे डब्ल्यूबीबीपीई के कार्यालय में भेजा गया था, जब माणिक भट्टाचार्य बोर्ड के अध्यक्ष थे।
गौरतलब है कि माणिक भट्टाचार्य वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं और कोलकाता में एक विशेष ईडी अदालत में उनकी पेशी की अगली तारीख 24 नवंबर है। ईडी के वकील फिरोज एडुल्जी ने 10 नवंबर को हुई पिछली सुनवाई में अदालत को सूचित किया था कि 325 उम्मीदवारों को प्राथमिक शिक्षकों के रूप में काम पर रखा गया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि निजी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा भट्टाचार्य, उनके बेटे और उनके कुछ रिश्तेदारों के खातों में 20.73 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए गए थे।