कोलकाता। मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले में कथित संलिप्तता के सिलसिले में टीएमसी के महासचिव पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की न्यायिक हिरासत सात जनवरी तक बढ़ा दी है। रिपोर्ट के अनुसार, पार्थ चटर्जी ने 7 दिसंबर को शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट से अपना नाम हटाने के लिए उसी अदालत में एक याचिका भी दायर की है।
हालांकि मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। ईडी के वकील ने अदालत को सूचित किया कि उन्हें मामले में अपनी दलील पेश करने के लिए कुछ और समय चाहिए। इसके बाद अदालत ने मामले में अगली सुनवाई अगले साल 31 जनवरी को निर्धारित की है। अदालत में न तो पार्थ चटर्जी के वकील और न ही मुखर्जी के वकील ने अपने मुवक्किलों की ओर से कोई जमानत याचिका दायर की है।
इसके बजाय पार्थ चटर्जी के वकील ने अदालत से अपील की कि ईडी को मामले में जांच में तेजी पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया जाए। साथ ही चटर्जी के वकील ने यह भी सवाल किया कि कैसे केंद्रीय एजेंसी रिमांड मांगे बिना या जांच पर कोई रिपोर्ट जमा किए बिना उनकी हिरासत बढ़ाने की अपील कर रही थी।