कोलकाता। पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में कई शिक्षकों पर भी सीबीआई की नजर है। इसकी वजह है कि उन्होंने नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में बिचौलिए के तौर पर काम किया था। सीबीआई पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में काम करने वाले ऐसे कुछ शिक्षकों की जांच कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि शिक्षकों की बिचौलियों की भूमिका कुछ उम्मीदवारों से पूछताछ के दौरान सामने आई, जिन पर मोटी रकम देकर नियुक्ति पाने का संदेह है।
सूत्रों ने बताया कि सरकारी स्कूलों में काम करने वाले 11 शिक्षक और दो गैर-शिक्षण कर्मचारी भर्ती में उनकी भूमिका के लिए केंद्रीय एजेंसी की जांच के दायरे में हैं। वे उन 35 नए बिचौलियों में शामिल हैं, जिनके नाम पिछले कुछ महीनों में जांच के दौरान सामने आए हैं।
जांच अधिकारियों ने खुलासा किया कि अलग-अलग पोस्टिंग के लिए अलग-अलग दरें ली गई थीं। सबसे ज्यादा रकम उम्मीदवारों के घर के सबसे नजदीक पोस्टिंग के लिए ली गई थी।
सीबीआई अधिकारियों ने प्रथम दृष्टया अकेले 2016 में भुगतान के बदले नौकरी पाने वाले करीब दो हजार 500 उम्मीदवारों की पहचान की है।
सीबीआई और ईडी ने स्कूल जॉब मामले में अपने अलग-अलग आरोपपत्रों में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी को पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया है।
केंद्रीय एजेंसियों ने अपने आरोपपत्र में यह भी पता लगाने की कोशिश की है कि प्रभावशाली बिचौलियों की पार्थ चटर्जी के आवास तक कितनी आसान पहुंच थी। इस मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से पार्थ चटर्जी 2022 से न्यायिक हिरासत में हैं। वह फिलहाल प्रेसीडेंसी सेंट्रल जेल में बंद हैं।
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