“तरुण थिएटर” ने लिया नाट्य कला को लोकप्रिय बनाने का संकल्प

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर। पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत मेदिनीपुर के नवगठित थिएटर ग्रुप “तरुण थिएटर” ने थिएटर को और अधिक लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से साल भर थिएटर पर विभिन्न कार्यक्रमों की घोषणा की है। इस कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, उन्होंने नई पीढ़ी के बच्चों को थिएटर में रुचि दिलाने के लिए पहले से ही एक साल की नाटक कार्यशाला (तरुण तेतर पाठशाला) शुरू की है, जो हर महीने के दूसरे और चौथे रविवार को विद्यासागर हॉल में आयोजित की जाती है। नाटक “फेसबुक मैरिज” जिसका मंचन विद्यासागर हॉल में एक बार हो चुका है, का मंचन 30 अगस्त को स्थानीय शहीद प्रद्धुत स्मृति सदन में तरूण थियेटर द्वारा किया जायेगा। सोशल मीडिया के जरिए विकसित हुए वैवाहिक संबंधों पर आधारित इस मजेदार नाटक को तरुण थिएटर एक अलग रूप और स्वरूप में दोबारा प्रदर्शित करने जा रहा है।

उसी दिन उन्हें अपना दूसरा मंचन करना था, जो मेदिनीपुर की वीरांगना “रानी शिरोमणि” के जीवन पर आधारित एक नाटक था, जिसका नाम “मेदिनीपुरेर लक्षीबाई” था। इस नाटक का मंचन कर तरूण थिएटर के अधिकारी रानी शिरोमणि की जीवन गाथा प्रस्तुत कर उनके जीवन संघर्ष के प्रति सम्मान प्रकट करना चाहते हैं। कई इतिहास शोधकर्ताओं ने रानी शिरोमणि के जीवन संघर्ष को श्रद्धांजलि अर्पित की है और उन्हें “बंगाल की लक्ष्मी बाई” और कुछ ने “मेदिनीपुर की लक्ष्मी बाई” कहा है। हालाँकि झाँसी की रानी लक्षीबाई का जन्म रानी शिरोमणि की मृत्यु के 16 साल बाद हुआ था। हालाँकि, कई शुभचिंतकों ने नाटक का शीर्षक “मेदिनीपुर की लक्ष्मीबाई” रखे जाने पर आपत्ति व्यक्त की। शुक्रवार शाम को तरूण थिएटर की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया गया कि वे सभी की भावनाओं और जज्बातों का सम्मान करते हैं। वे किसी भी तरह से रानी शिरोमणि का अपमान नहीं कर रहे हैं, बल्कि उनके महान बलिदान का पूरा सम्मान करते हैं और नाटक का नाम बदलकर “वीरांगना रानी शिरोमणि” करने का फैसला किया है।

वे अपना दूसरा नाटक “वीरांगना रानी शिरोमणि” का मंचन 30 अगस्त को शाम 7:30 बजे करेंगे। उनका मानना ​​है कि कुल 68 कलाकारों के साथ यह नाटक दर्शकों का मनोरंजन जरूर करेगा। साथ ही यह वर्ष गणपति बोस की जन्म शताब्दी है, जो मेदिनीपुर के कर्मयोगी की एक और श्रद्धांजलि है। उन्हें श्रद्धांजलि के रूप में तरूण थिएटर “जनगणपति” नामक नाटक का मंचन करेगा। इसके अलावा सभी के आशीर्वाद से दिसंबर माह में 7 दिवसीय एपार-ओपार बांग्ला नाट्योत्सव का आयोजन करने का निर्णय तरुण थिएटर ने लिया है I इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में तरुण थिएटर की ओर से सचिव विश्वजीत कुंडू, नाटककार सुरजीत सेन, थिएटर प्रेमी सुजय हाजरा, चंदन बसु, तारापद दे, अरुणाशु दे, प्रताप नारायण पाडिया और अन्य प्रमुख लोग मौजूद थे।

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