कोलकाता। पश्चिम बंगाल के प्राइमरी शिक्षक भर्ती घोटाले में फंसे तृणमूल विधायक मानिक भट्टाचार्य से जुड़ी कड़ियां बढ़ती ही जा रहीं हैं। अब ईडी ने मानिक भट्टाचार्य के घनिष्ठ तापस मंडल के टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर और घर पर छापेमारी की। बताया जा रहा है कि लेफ्ट के जमाने में भी तापस चिटफंड से जुड़े थे। उनके बी.एड कॉलेज में रुपए देकर डिग्रियां हासिल की जा सकती थी। ईडी ने तापस मंडल के मिनर्वा टीचर्स ट्रेंनिंग सेंटर कई सारे महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए है। सूत्रों का कहना है कि टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर से मिले दस्तावेज शिक्षक भर्ती घोटाले की ओर ईशारा करते हैं।
ईडी ने तापस के पांसकुड़ा स्थित पैतृक घर से काफी कुछ बरामद किया। उसने करीब चार दशक पहले ‘मिनर्वा फाइनेंस’नाम का चिटफंड खोलकर कथित तौर लोगों से लाखों की धोखाधड़ी थी। उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। ईडी सूत्रों ने बताया कि मामले में फंसे तापस मंडल के बी.एड कॉलेज में रुपए देकर डिग्रियां मिला करती थी। एडमिशन कराने के बाद कोर्स करने की आवश्यकता नहीं होती थी। बल्कि पैसे लेकर अभ्यर्थियों को पास कर दिया जाता था। इसके साथ-साथ ही अगर किसी को कोई डिग्री चाहिए तो मिल जाती थी।
इसके एवज में उन्हें पैसा देना पड़ता था। जांच में खुलासा हुआ है कि कॉलेज की इन अनैतिक गतिविधियों को इसके खिलाफ पहले भी शिकायतें आई थी, पर तब कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। ईडी के सूत्रों ने बताया कि मानिक के घनिष्ठ तापस मंडल सिर्फ अभी ही नहीं बल्कि पहले भी प्रभावशाली थे। तत्कालीन लेफ्ट के सरकार के समय वे दमकल मंत्री राम चट्टोपाध्याय के करीबी थे।
कथित तौर पर उस समय मंत्री के करीबी होने का दावा कर तापस ने कई लोगों को नौकरी का आश्वासन देकर पैसे ठगे थे। पांसकुड़ा के कई लोगों को नौकरी दिलाने की बात कही थी। रोजगार दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी के आरोप में तापस को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया गया था। ईडी सूत्रों ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश पर हाल में तापस की भाभी पारोमिता मंडल की नौकरी चली गई।
पारोमिता के नाम पर गांव पटंडा में एक टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज भी खुला है। परमिता के पति विभास मंडल कॉलेज की देखभाल करते हैं। उसी बी.एड कॉलेज के प्रबंधक अमर दास ने आरोप लगाया कि फर्जी प्रमाण पत्र उपलब्ध थे। अमर ने शिकायत की कि इस कॉलेज में कई अनैतिक काम होते हैं। पैसे लेकर एमफिल सहित विभिन्न उच्च शिक्षा प्रमाण पत्र दिेए जाते हैं।