- सप्ताह भर में पीड़ित को हर्जाना स्वरूप पचास हजार रुपया देने का तांत्रिक ने किया करार
खड़गपुर ब्यूरो। भूत-प्रेत को लेकर एक सार्वजनिक पंचायत सिटकहा पूरे खुशई पंचायत भवन के प्रांगड़ में हुई। तांत्रिक के कारनामों को दर्जन भर से अधिक उपस्थित गांव वालों के समक्ष ऑडियो और वीडियो प्रस्तुत किया गया।
जिसमें पुष्टि हुई कि ग्राम सभा पीपरताली अंतर्गत भग्गू का पुरवा निवासी तांत्रिक राम पाल वर्मा रुपए की लालच में लोगों को तंत्र मंत्र, डॉड़- बाँड़ मारकर जानलेवा जैसा घिनौना कृत्य करता था जिसके कारनामों से तमाम लोग पीड़ित थे।
कोतवाली देहात निवासी सिटकहा अनिल कुमार सिंह के मुताबिक उस पर भी इसी तंत्र मंत्र से जानलेवा हमला किया गया था, जिसमें वह तो किसी तरह बच गया पर आधा चेहरा काला होने के साथ ही एक आंख की रोशनी लगभग चली गई है।
साथ ही उसी दिन घंटे भर के अंतराल में तीन पालतू पशु बकरी आदि मवेशी तत्काल देखते ही देखते तड़प तड़प कर मर गए थे। पीड़ित के द्वारा तमाम प्रयासों के बाद तांत्रिक राम पाल वर्मा तक पहुंचने और गोपनीयता से साक्ष्य इकट्ठा कर सार्वजिक पंचायत में पेश किया।
जिसपर उपस्थित पचासों लोगों ने हर्जाना स्वरूप इलाज के रूप में खर्च हुए डेढ़ लाख रुपयों से अधिक में से पचास हजार रुपया एक सप्ताह के अंदर पूरे खुशई के पूर्व प्रधान मोहित सिंह की मध्यस्थता में रामपाल वर्मा और फतेह बहादुर सिंह निवासी सिटकहा द्वारा 26 दिसम्बर को पंचायत भवन में ही देने की बात पर सहमति बनी थी।
इस दरम्यान गर रुपया नहीं दिया जाता तो पूर्व ग्राम प्रधान मोहित सिंह की जिम्मेदारी थी जिसे बाद में उन्हें देना होगा।
इस आम सहमति पर पंचायत में उपस्थित अनिल कुमार सिंह के साथ ही तांत्रिक रामपाल वर्मा, फतेह बहादुर वर्मा, मनोज सिंह, बाबूराम सिंह, आकाश सिंह, शिव कुमार वर्मा, मनीष सिंह, गुलाब सिंह, वीरेंद्र सिंह आदि लोगों ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए।
यह भी तय हुआ कि इसके बाद भी कोई विवाद की स्थिति बने तो कोतवाली देहात थाना में जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराकर निर्धारित धनराशि प्राप्ति के लिए विधिक कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाएगी।
विदित हो कि जिले में गढ़ा धन निकालने, किसी का उत्पीड़न करने के लिए तमाम कायर लोग ऐसे गंदे तांत्रिकों का सहारा लेकर लोगों का जीना दुश्वार कर रखे है।
यह बात अलग है कि इस दिशा में शासन प्रशासन अधिक ध्यान नहीं देता यहां तक कि यह विवाद महज हवा हवाई से बढ़कर कुछ नहीं होता पर जो व्यक्ति इस तंत्र मंत्र के चपेट में आ जाता है उसकी परिभाषा उससे बेहतर और कोई नहीं दे सकता है।
लोगों की माने तो आज के दौर में लगभग अस्सी फीसदी लोग इस तरह के कारनामों से पीड़ित है पर लोग इसका लोगों के बीच खुला इजहार करने में अपनी शानो शौकत के खिलाफ समझते है।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च कर, फॉलो करें।