शेरनी, सरदार उधम को पछाड़ ऑस्कर की रेस में आगे निकली तमिल फिल्म ‘‘कूझांगल’’

  • फिल्मों में क्षेत्रीय भाषाओं का बढ़ रहा दबदबा

कुमार संकल्प, कोलकाता।  बात भाषा की नहीं है, बात कला की है। एक बार फिर से क्षेत्रीय भाषाओं का दबदबा फिल्मों की दुनियां में बढ़ता नजर आ रहा है। शायद यह स्पष्ट किया है फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की ज्यूरी ने। तमिल फिल्म ‘‘कूझांगल’’ को 94वें एकेडमी पुरस्कारों के लिए भारत की तरफ से आधिकारिक प्रवृष्टि के लिए चयनित किया गया है। देखा जा रहा है कि कुल 14 फिल्मों में ही पांच हिन्दी फिल्में थीँ। हालांकि शेरनी, सरदार उधम सहित कई फिल्मों को पीछे छोड़कर तमिल फिल्म ऑस्कर की रेस में आगे निकल गई। अब सबकुछ उसी पर निर्भर है।

इस बार ऑस्कर की दौड़ में गोजरी भाषा में बनी फिल्म लैला और सात गीत भी थी। गोजरी या गूजरी एक हिन्द-आर्य भाषा है, जो कि उत्तर भारत व पाकिस्तान में गुर्जर समुदाय के कई सदस्यों द्वारा बोली जाती है। भारत में यह भाषा राजस्थान,हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू व कश्मीर, उत्तराखण्ड और पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश राज्यों में बोली जाती है। पाकिस्तान में यह पाक-अधिकृत कश्मीर और पंजाब (पाकिस्तान) में बोली जाती है।

इस भाषा का मूल ढांचा और गहरी शब्दावली दोनों राजस्थानी भाषा की है, लेकिन स्थानानुसार इसमें कई पंजाबी, डोगरी, कश्मीरी, गुजराती, हिन्दको और पश्तो प्रभाव देखे जाते हैं। जम्मू-कश्मीर राज्य में इसे आधिकारिक दर्जा प्राप्त है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस भाषा में एक फिल्म का 14 फिल्मों में स्थान लाना भी बड़ी बात रही। बांग्ला फिल्म का स्थान न बना पाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। साथ ही यह एक बड़ी निराशा है। हिन्दी के बाद मराठी भाषा की तीन फिल्में कुल 14 फिल्मों में शामिल थीं।

‘‘कूझांगल’’ का निर्देशन विनोतराज पी.एस. ने किया है। यह फिल्म शराब पीकर पत्नी से मारपीट करने वाले एक पति की कहानी पर आधारित है, जिससे तंग आकर उसकी पत्नी घर छोड़कर चली जाती है और फिर वह व्यक्ति अपने छोटे बच्चे को लेकर उसे ढूंढकर वापस लाने के लिए निकलता है। ‘‘कूझांगल’’ में नए कलाकार चेल्लापंदी और करूथादैयान हैं और इसके निर्माता विग्नेश शिवन एवं नयनतारा हैं। फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया के ज्यूरी मेंबर एवीएम के शमुग्गम ने कहा, कि ‘‘इस साल ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक फिल्म ‘कूझांगल’ है।

इसका चयन फिल्म निर्माता शाजी एन. करूण की अध्यक्षता वाली 15 सदस्यीय ज्यूरी ने सर्वसम्मति से किया।’’ ऑस्कर चयन की दौड़ में कुल 14 फिल्में थीं, जिनमें मलयालम फिल्म ‘‘नयातू’’, तमिल फिल्म ‘‘मंडेला’’, फिल्म निर्माता शूजीत सरकार की ‘‘सरदार उधम’’, विद्या बालन अभिनीत ‘‘शेरनी’’, फरहान अख्तर की ‘‘तू्फान’’, कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन पर आधारित ‘‘शेरशाह’’ और मराठी फिल्म ‘‘गोदावरी’’ भी थी। विनोतराज ने ट्वीट कर कहा कि वह प्यार एवं समर्थन के लिए आभारी हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यह खबर पाने से ज्यादा खुशी कुछ नहीं हो सकती।’’

इस वर्ष की शुरुआत में ‘‘कूझांगल’’ को 50वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल रोटरडम (आईएफएफआर) में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए टाइगर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 94वें एकेडमी पुरस्कार कार्यक्रम का आयोजन लॉस एंजिलिस में 27 मार्च 2022 को होगा। किसी भी भारतीय फिल्म को अभी तक ऑस्कर पुरस्कार नहीं मिला है।

इससे पहले 2001 में सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फिल्म की श्रेणी में अंतिम पांच में पहुंचने वाली फिल्म ‘‘लगान’’ थी। शीर्ष पांच में जगह बनाने वाली अन्य फिल्में हैं ‘‘मदर इंडिया’’ (1958) और ‘‘सलाम बंबई’’ (1989)। भारत की तरफ से 2021 में मलयालम फिल्म ‘‘जल्लीकट्टू’’ को नामित किया गया था जिसका निर्देशन लिजो जोस पेल्लीसेरी ने किया है।

(नोट – लेखक फिल्मों के जानकार व टिप्पणीकार हैं)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

4 × 5 =