राष्ट्रीय कवि संगम के स्थापना दिवस और बाल्मिकि जयंती पर भव्य काव्य गोष्ठी

‘मैं रहूँ या ना रहूँ, देश रहना चाहिए’ – जगदीश मित्तल कोलकाता, 10 अक्टूबर ।