सोनम यादव की कविता “कोरोना के काल में”

कोरोना के काल में घर-घर में सब कैद हो गये कोरोना के नाम से बैठ

सोनम यादव की कविता

कहाँ आ गये चलते चलते और कहाँ जाना भूल गए धरती की खुशबू चिड़ियों का