संजा लोकोत्सव 2024 के अंतर्गत हुई अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी

जीवन में प्रकाशमान है लोक, जिसकी अनेक अन्तर्धाराएँ हमें समृद्ध करती हैं- पद्मश्री डॉ. राजपुरोहित