मदर्स डे स्पेशल : संचिता सक्सेना की कविता – “दुनिया है मां”

दुनिया है मां मां ने जीना सिखाया, सलीखा और फ़र्ज़ भी, हिम्मत भी बनी मेरी,

संचिता सक्सेना की कविता : क्या एक मात्र समाधान था ?

खुद को मार के मर तो जाओगे, क्या अपनी मजबूरियां मार पाओगे, तेरे पीछे उन