संस्कृत में रचित दिव्य ‘अनुलोम-विलोम काव्य’ ग्रंथ ‘राघवयादवीयम्’

श्रीराम पुकार शर्मा, हावड़ा। अक्षरतः यह शास्त्र सम्मत सत्य है कि ज्ञान-विज्ञान की किरणें सर्वप्रथम