आज बेटी दिवस है और बेटियां विवश है

प्रांजल वर्मा, डुमरांव। बेटी दिवस पर सोचती हूं, क्या वाकई आज है सम्मान? फिर भी

क्या महिलाओं के प्रति पुरुष मानसिकता अपना जमीर खो चुका है?

प्रांजल वर्मा, कोलकाता। महिलाओं के प्रति हिंसा, चाहे वह कोलकाता हो या महाराष्ट्र का बदलापूर,