डॉ. राम बहादुर दास की कविता : कुछ रिश्ते
।।कुछ रिश्ते।। डॉ. राम बहादुर दास कुछ रिश्ते सबसे अपने होते हैं, ना मांगते हैं
डॉ. राम बहादुर दास की कविता : जिंदगी
“जिंदगी“ बहुत कुछ लिख-लिख कर मिटाया है मैने, ठीक ना होने पर भी ठीक बताया
।।कुछ रिश्ते।। डॉ. राम बहादुर दास कुछ रिश्ते सबसे अपने होते हैं, ना मांगते हैं
“जिंदगी“ बहुत कुछ लिख-लिख कर मिटाया है मैने, ठीक ना होने पर भी ठीक बताया