डॉ. आर.बी. दास की कविता : राही
।।राही।। डॉ. आर.बी. दास जब तक चलेगी जिंदगी की सांसे, कहीं प्यार तो कही तकरार
डॉ. आर.बी. दास की कविता
अंधों को अंधेरे से कोई फर्क नहीं पड़ता, उगते सूरज से भी कोई फर्क नहीं
रविवार : सोमवार के पहले और शनिवार के बाद आने वाला दिन
डॉ. आर. बी. दास, पटना। सूर्य का दिन “रविवार” नाम हेलेनिस्टिक ज्योतिष से लिया गया
डॉ. आर.बी. दास की कविता : दोस्त अब थकने लगे है
।।दोस्त अब थकने लगे है।। डॉ. आर.बी. दास किसी का पेट निकल आया हैं, किसी
डॉ. आर.बी. दास की कविता : मुसीबत में कोई नही
।।मुसीबत में कोई नही।। डॉ. आर. बी. दास सीता के रखवाले राम थे, जब हरण
डॉ. आर. बी. दास की कविता
इंसान हैं लेकिन फर्क सिर्फ इतना है, कुछ जख्म देते हैं, कुछ जख्म भरते हैं।
डॉ. आर.बी. दास की कविता : शुक्रिया
।।शुक्रिया।। डॉ. आर.बी. दास शुक्रिया उन लोगों का जो मुझसे नफरत करते हैं, क्योंकि उन्होंने
डॉ. आर.बी. दास की कविता
रास्ते पर गति की सीमा है, बैंक में पैसों को सीमा है, परीक्षा में समय
डॉ. आर.बी. दास की कलम से
।।जिंदगी।। डॉ. आर.बी. दास जो है जैसी है मेरी जिंदगी है, हां थोड़े तकलीफों से
डॉ. आर. बी. दास की कलम से
।।अपने तरीके से।। डॉ. आर. बी. दास कुछ आते हैं कुछ जाते हैं, कुछ सुनते