महिला डॉक्टर की निर्मम हत्या के बाद बेटियों की सोच पर एक कविता

पापा! मुझे खड्ग धरा दो, इज्जत से मैं रह पाऊं। पड़े कुदृष्टि मुझ पर जिसका,