गोपाल नेवार, ‘गणेश’ सलुवा की कविता : गोरखा

।।गोरखा।। गोपाल नेवार, ‘गणेश’ सलुवा सीमाओं की रक्षक है गोरखा दुश्मनों के दुश्मन हैं गोरखा,