आशा विनय सिंह बैस की कलम से : विश्व विख्यात पर्यावरणविद् सुंदर लाल बहुगुणा

आशा विनय सिंह बैस, नई दिल्ली। उस दिन स्कूल की छुट्टी थी, शायद रविवार था।