पुण्यतिथि पर दिनकर जी को पूर्वोत्तर भारत एवं पश्चिम बंगाल ने याद कर दिया काव्यांजलि

साहित्य समाज का दर्पण ही नहीं अपितु समाज का वह सूरज एवं दीपक भी होता