दीपा ओझा की कविता : “मुझे थकने का अधिकार नहीं”
“मुझे थकने का अधिकार नहीं” मुझे थकने का अधिकार नहीं मेरे सपनों की उड़ान इस
दीपा ओझा की कविता : “मैं स्त्री हूँ”
“मैं स्त्री हूँ” मैं स्त्री हूँ सुना था कभी लोगों से देवी स्वरूप हूँ क्योंकि
दीपा ओझा की कविता : “काश किसी दिन ऐसा होता”
“काश किसी दिन ऐसा होता” काश किसी दिन ऐसा होता सब कुछ सपने जैसा होता