‘डार डार पर बोले कारी कोयलिया, रूत आ गई वसंत की सारी डगरिया’

श्रीराम पुकार शर्मा, हावड़ा। आज ही एक हरितिमा युक्त साधारण-सा कृत्रिम शहरी बाग में प्रातः