कालजयी कबीर और बंकिम चन्द्र चटर्जी को समर्पित अंतस् की अन्तर्राष्ट्रीय 47वीं काव्य-गोष्ठी

कबिरा खड़ा बजार में, माँगे सबकी ख़ैर ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर…..