डॉ. आर.बी. दास की कलम से
।।कहीं खो गया हूं।। डॉ. आर.बी. दास कहीं खो गया हूं इसलिए खुद को ढूंढने
डॉ. आर.बी. दास की कलम से…
।।रह गए।। डॉ. आर.बी. दास कुछ कहना चाहते थे हम, लफ्ज मुंह में ही रह
डॉ. आर.बी. दास की कलम से…
कभी तानों में कटेगी, कभी तारीफों में, ये जिंदगी है यारो, पल पल घटेगी !!
डॉ. आर.बी. दास की कलम से…
।।इलेक्शन।। डॉ. आर.बी. दास इस इलेक्शन के दौड़ में, कहां कोई इंसान नजर आता है…
डॉ. आर. बी. दास की कलम से…
जानता हूं कि… कुछ कमियां तो है मुझमें भी, क्योंकि मैं कोई भगवान नही, गर
डॉ. आर.बी. दास की कविता : नारी
।।नारी।। डॉ. आर.बी. दास जब मैंने जन्म लिया वहां “एक नारी” थी, जिसने मुझे थाम
डॉ. आर. बी. दास की कविता : औरों के लिए जो जीता है
।।औरों के लिए जो जीता है।। डॉ. आर. बी. दास लगा सको तो बाग लगाओ,
डॉ. आर.बी. दास की कविता : देता हूं मैं
।।देता हूं मैं।। डॉ. आर.बी. दास सब को साथ लेकर चलने की चाह में, बहुत
राजीव कुमार झा की कविता : सपनों की रानी
।।सपनों की रानी।। राजीव कुमार झा ग्रीष्म के तपते मौसम में सबसे बनी सयानी तुम्हारी
डॉ. आर.बी. दास की कविता : आदमी भी कितना नादान है
।।आदमी भी कितना नादान है।। डॉ. आर.बी. दास आदमी भी कितना नादान है, मंदिर में