डॉ. आर.बी. दास की रचना…
विचार बहता हुआ पानी है! यदि आप इसमें गंदगी मिला देंगे तो वह नाला बन
आर.बी. दास की कविता : कल का क्या भरोसा
।।कल का क्या भरोसा।। आर.बी. दास किसी की जिंदगी छोटी, तो किसी की बड़ी होती
डी.पी. सिंह की रचना
जय राम का उद्घोष करती राम की सेना चली। सुग्रीव अङ्गद ऋक्षपति हनुमान – से
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डॉ. आर.बी. दास की कविता : ऐ जिंदगी
।।ऐ जिंदगी।। डॉ. आर.बी. दास ऐ जिंदगी तेरा शुक्रिया… तूने कई बार भ्रम को मेरे
डॉ. आर.बी. दास की कविता : मैने सीखा है
।।मैने सीखा है।। डॉ. आर.बी. दास मैने दिल तोड़ना नहीं दिल रखना सीखा है… मैने
डॉ. आर.बी. दास की कविता : अपनी उम्र का मजा लीजिए
।।अपनी उम्र का मजा लीजिए।। डॉ. आर.बी. दास खतरे के निशान से ऊपर बह रही
अशोक वर्मा “हमदर्द” की कविता : मैं वही हूँ
।।मैं वही हूँ।। अशोक वर्मा “हमदर्द” मैं वही हूँ जो कभी शोषित हुआ करता था
डॉ. आर.बी. दास की कविता…
लोग जल जाते हैं मेरी मुस्कान पे क्योंकि, मैने कभी दर्द की नुमाइश नही की,
डॉ. आर.बी. दास की कविता : मन नहीं करता
।।मन नहीं करता।। डॉ. आर.बी. दास कभी नींद आती थी… आज सोने को मन नहीं
डॉ. आर.बी. दास की रचनाएं
चेहरे की हंसी दिखावट सी हो रही है, असल जिंदगी भी बनावट सी हो रही