भावनानी के व्यंग्यात्मक भाव
।।उम्मीदवार से पहले मैं मतदाता दोषी हूं।। किशन सनमुखदास भावनानी फोकट की रेवड़ियां लेता हूं
किशन सनमुखदास भावनानी की व्यंग कविता : सट्टेबाजी
।।सट्टेबाजी।। किशन सनमुखदास भावनानी मैं हूं बहुत बड़ा काम काजी मेरा घर परिवार है मुझसे
किशन सनमुख़दास भावनानी की व्यंग कविता- मैं खुद पर अमल नहीं करता हूं
व्यंग्य कविता ।।मैं खुद पर अमल नहीं करता हूं।। किशन सनमुख़दास भावनानी मैं लोगों को