नीट मामले पर सुप्रीम फटकार- यूजीसी नेट जून 2024 रद्द करार- बैकफुट पर एनटीए व केंद्र सरकार

यूजीसी नेट जून 2024 पर चली पवित्रता भंग की आरी- अब नीट यूजी की बारी
परीक्षा आयोजित करने वाली जिम्मेदार एजेंसियों को हाई अटेंशन पर रहने की जरूरत- रत्ती भर की चूक में परीक्षार्थियों का भविष्य दांव पर लग सकता है- एडवोकेट भावनानी

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर हर देश के पूर्ण विकास में शिक्षा का अति महत्वपूर्ण योगदान होता है। परंतु एक ओर जहां भारत विजन 2047, 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था व विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर चल पड़ा है, वहीं बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि यहां बड़ी-बड़ी परीक्षाओं की पवित्रता भंग हो रही है, जिससे छात्रों का भविष्य दांव पर लग रहा है, जिसका सबसे बड़ा कारण भ्रष्टाचार है। अभी नीट 2024 गड़बड़ी का मामला अपने चरम सीमां पर पहुंच गया है, जहां 19 जून 2024 को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने शाम एनटीए को एक टिप्पणी के माध्यम से जोरदार फटकार लगाई थी और कहा 0.001 प्रतिशत की चूक या लापरवाही भी हुई तो उसे हर हाल में निपटाया जाना चाहिए। तो वहीं 19 जून 2024 को ही देर रात्रि यूजीसी नेट परीक्षा के रद्द करने की जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से मीडिया में आई तो, हड़कंप मच गया। बता दें मंगलवार 28 जून 2024 को ही करीब 11 लाख से अधिक छात्रों ने यह परीक्षा दी थी जो 317 शहरों के 1205 सेंटरों में हुई थी, जिसमें गृह मंत्रालय से लीक के इनपुट मिले और शिक्षा मंत्रालय ने तुरंत इस परीक्षा को रद्द करने का आदेश दिया।

बता दें यह परीक्षा भी एनटीए द्वारा ही कराई गई थी जो पहले ही आरोपो के घेरे में है। नीट की परीक्षा में 24 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी और परीक्षा में ग्रेस मार्को के चक्कर में छात्र सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के 21 जून 2024 को पूरे भारत में आंदोलन करने की जानकारी मीडिया में आई है, अब यूजीसी नेट परीक्षा रद्द होने से आंदोलन को संजीवनी बूटी मिल गई है। 19 जून 2024 को देर रात्रि एक चैनल पर यूजीसी के पूर्व सदस्य से फोन पर बातचीत बताई गई तो उन्होंने कहा पूरा मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है जो के पेपर सेटर, प्रिंटिंग प्रेस व कुछ अन्य अधिकारियों की चैनल से ही यह काम होते हैं, जिससे उनको अच्छी बड़ी मात्रा में वारे नियारे होते हैं और पेपर लीक हो जाते हैं। मेरा स्वयं का मानना यह है कि बड़े दुर्भाग्य की बात है। अब समय आ गया है किए एनटीए को चुस्त दुरुस्त किया जाना चाहिए।

मैं स्वयं करीब 30 वर्षों से बजट रिपोर्टिंग पर काम करता हूं बजट तारीख से पहले पूरी बजट की टीम को अनेक दिनों तक अंडरग्राउंड कर दिया जाता है, उनका बाहर की दुनिया से कोई नाता नहीं रहता, परिवार तो क्या मोबाइल से भी संबंध कट जाता है। यानी इतनी सिक्रेंसी रहती है, तो बजट कभी लीक नहीं होता। परंतु एनटीए सहित अन्य एजेंसियों के पेपर लीक हो जाते हैं। अब माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री को सख़्ती बरतनी होगी। चूंकि नेट मामले पर सुप्रीम फटकार, यूजीसी नेट 18 जून 2024 परीक्षा रद्द करार, बैक फुट पर एनटीए व केंद्र सरकार! इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, परीक्षा आयोजित करने वाली जिम्मेदार एजेंसियों को हाई अटेंशन रहने की जरूरत! रत्ती भर की चूक में परीक्षार्थियों का भविष्य गांव पर लग जाता है।

साथियों बात अगर हम 19 जून 2024 को देर रात्रि शिक्षा मंत्रालय द्वारा यूजीसी नेट जून 2024 परीक्षा रद्द करने की घोषणा की करें तो, शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी-नेट जून 2024 परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने मंगलवार, 18 जून को यह परीक्षा करवाई थी, शिक्षा मंत्रालय को बुधवार को संकेत मिले कि इस परीक्षा की पवित्रता भंग हो गई है, जिसके बाद उसने परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया। मंत्रालय ने बुधवार को जारी बयान में कहा, परीक्षा प्रक्रिया की उच्चतम स्तर की पारदर्शिता और पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए, शिक्षा मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि यूजीसी-नेट जून 2024 परीक्षा रद्द कर दी जाए। साथ ही मामले की गहन जांच के लिए मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा जा रहा है। मंत्रालय ने अपने बयान में नीट-यूजी परीक्षा में हुए कथित घोटाले की जांच से जुड़ी जानकारी भी दी। बता दें मंत्रालय ने कहा, नीट यूजी परीक्षा 2024 से संबंधित मामले में, ग्रेस मार्क्स से संबंधित मुद्दे को पहले ही पूरी तरह से संबोधित किया जा चुका है, पटना में परीक्षा के संचालन में कथित कुछ अनियमितताओं के संबंध में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। यह रिपोर्ट मिलने पर सरकार आगे की कार्रवाई करेगी। यह परीक्षा भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कंडक्ट कराती है। जल्द ही परीक्षा की नई तारीखों का ऐलान किया जाएगा। मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है।

एनटीए ने 18 जून, 2024 को देश के विभिन्न शहरों में दो पालियों में ओएमआर (पेन और पेपर) मोड में यूजीसी-नेट जून 2024 परीक्षा आयोजित की।19 जून, 2024 को, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को परीक्षा के संबंध में गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से कुछ इनपुट प्राप्त हुए। ये इनपुट प्रथम दृष्टया संकेत देते हैं कि उपरोक्त परीक्षा की अखंडता से समझौता किया गया है। परीक्षा प्रक्रिया की उच्चतम स्तर की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि यूजीसी-नेट जून 2024 परीक्षा रद्द कर दी जाए। नए सिरे से परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसके लिए जानकारी अलग से साझा की जाएगी। साथ ही मामले की गहन जांच के लिए मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा जा रहा है।बता दें कि यूजीसी नेट की परीक्षा 18 जून के देश भर के 317 शहरों में 1205 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें 11,21,225 कैंडिडेट्स ने हिस्सा लिया था। बता दें कि पहले की प्रथा से हटकर इस बार राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा एक ही दिन 18 जून को पेन और पेपर मोड में आयोजित की गई, जिसमें रिकॉर्ड 11 लाख छात्रों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था। यूजीसी नेट जूनियर रिसर्च फेलोशिप की परीक्षा विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पीएचडी में प्रवेश के लिए भारतीय नागरिकों की पात्रता निर्धारित के लिए आयोजित की जाती है।

साथियों बात अगर हम नीट यूजी 2024 परीक्षा रद्द करने के लिए छात्रों व विपक्ष के आंदोलन की करें तो, शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नीट (यूजी) परीक्षा-2024 से संबंधित मामले में ग्रेस मार्क्स से संबंधित मुद्दे को पहले ही पूरी तरह से सुलझा लिया गया है। पटना में परीक्षा के संचालन में कथित कुछ अनियमितताओं के संबंध में आर्थिक अपराध इकाई, बिहार पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। इस रिपोर्ट के मिलने पर सरकार आगे की कार्रवाई करेगी। बयान में कहा गया है कि सरकार परीक्षाओं की पवित्रता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह दोहराया जाता है कि इस मामले में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

साथियों बात अगर हम दिनांक 19 जून 2024 को माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा सख्त टिप्पणी की करें तो, बेंच ने सरकार और एनटीए से यह भी कहा कि कल्पना कीजिए कि सिस्टम के साथ धोखाधड़ी करने वाला व्यक्ति डॉक्टर बन जाता है, वह समाज के लिए और भी ज्यादा खतरनाक है। इससे पहले 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह की टिप्पणी कर ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट की परीक्षा रद्द की थी। तब कोर्ट का कहना था, एक भी फर्जी डॉक्‍टर बनता है तो पूरी परीक्षा रद्द होनी चाहिए। इस बात के सबूत हैं कि परीक्षा में इलेक्‍ट्रानिक डिवाइसेज का इस्‍तेमाल हुआ है, लेकिन कितने स्‍टूडेंट्स ने इसका इस्‍तेमाल किया, ये नहीं कहा जा सकता। ऐसे में परीक्षा रद्द करना जरूरी है। दो जजों की वैकेशन बेंच ने इस मामले से जुड़ी 4 याचिकाओं को 8 जुलाई को सुनवाई के लिए लिस्ट कर दिया गया है। वकीलों से भी उसी दिन सभी मामलों पर बहस करने के निर्देश दिए हैं। 4 जून को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट का रिजल्ट घोषित किया था। पहली बार ऐसा हुआ है जब 67 कैंडिडेट को 720 में से 720 नंबर मिले हैं।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि नीट मामले पर सुप्रीम फटकार यूजीसी नेट जून 2024 रद्द करार- बैक फुट पर एनटीए व केंद्र सरकार। यूजीसी नेट जून 2024 पर चली पवित्रता भंग की आरी- अब नीटयूजी की बारी। परीक्षा आयोजित करने वाली जिम्मेदार एजेंसियों को हाई अटेंशन पर रहने की जरूरत- रत्ती भर की चूक में परीक्षार्थियों का भविष्य दांव पर लग सकता है।

(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)

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