Kolkata rape-murder case: Supreme Court said - National Task Force should be formed

बंगाल सरकार के नाइट शिफ्ट आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

कोलकाता। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार को उसके उस अधिसूचना पर फटकार लगाई जिसमें राज्य संचालित अस्पतालों को महिला डॉक्टरों को नाइट शिफ्ट में न रखने का निर्देश दिया गया था। न्यायालय ने कहा कि उन्हें सुरक्षा चाहिए, रियायत नहीं।

बंगाल सरकार ने 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के मद्देनजर अधिसूचना जारी की थी। रेप और मर्डर मामले की स्वतः संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि राज्य सरकार महिला डॉक्टरों की संख्या सीमित क्यों करना चाहती है।

रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आप यह कैसे कह सकते हैं कि महिलाएं रात में काम नहीं कर सकतीं? महिला डॉक्टरों पर प्रतिबंध क्यों लगाया जाए? वे रियायत नहीं चाहतीं…महिलाएं एक ही शिफ्ट में काम करने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कपिल सिब्बल से इस मुद्दे पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का समाधान उचित सुरक्षा उपाय प्रदान करना है। उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार को अधिसूचना में संशोधन करने का निर्देश दिया। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सुरक्षा प्रदान करना आपकी जिम्मेदारी है।

आप महिलाओं को रात में काम करने से नहीं रोक सकते। उन्होंने कहा कि पायलट, सेना के जवान और अन्य लोग रात के समय काम करते हैं। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विकिपीडिया से पीड़िता का नाम अपने प्लेटफॉर्म से हटाने को कहा।

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