बंगाल सरकार की याचिका सुनने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

कोलकाता/नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका सुनने से इनकार कर दिया। इसमें भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा आयोजित कंबल वितरण कार्यक्रम में भगदड़ को लेकर एफआईआर दायर करने की इजाजत मांगी गई थी।  शीर्ष कोर्ट ने बंगाल सरकार को याचिका वापस लेने की इजाजत देते हुए उपयुक्त दिशा निर्देश हासिल करने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट जाने को कहा। राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा एफआईआर दायर करने पर लगाई गई रोक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

पश्चिम बर्धमान जिले में आयोजित कंबल वितरण कार्यक्रम में भगदड़ मची थी। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस पीएस नरसिंम्हा की पीठ से बंगाल सरकार के वकील एएम सिंघवी ने कहा कि वे हाईकोर्ट के आदेश में बदलाव चाहते हैं। हाईकोर्ट ने एकतरफा ढंग से इस मामले में एफआईआर दायर करने पर रोक लगा दी है। सिंघवी ने यह भी कहा कि जिन हाईकोर्ट जज ने आदेश दिया है, वे उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए आदेश में बदलाव के लिए शीर्ष कोर्ट में याचिका दायर की गई है।

कंबल वितरण के दौरान भगदड़ में तीन लोग मारे गए
फिलहाल मामले में दखल से इनकार करते हुए शीर्ष कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार हाईकोर्ट में संशोधित याचिका दायर करे। इसके बाद बंगाल सरकार ने याचिका वापस ले ली। पुलिस के अनुसार पश्चिम बर्द्धमान जिले में बुधवार को कंबल वितरण के दौरान मची भगदड़ में तीन लोग मारे गए थे और पांच गंभीर रूप से घायल हो गए थे। यह कार्यक्रम भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा आयोजित किया गया था।

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