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नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामले में बुधवार को बिहार सरकार को कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने 16 लंबित मामलों में दोषी सरकारी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाइयों के अलावा मुकदमों की स्थिति पर रिपोर्ट पेश करने का राज्य सरकार को निर्देश दिया। पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक और मामले में शामिल एनजीओ को काली सूची में डालने की सिफारिशों के अनुसार कार्रवाई के बारे में जानकारी देने को कहा।
शीर्ष अदालत ने पत्रकार निवेदिता झा की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को ये निर्देश दिए। उन्होंने इस मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर पटना उच्च न्यायालय द्वारा लगाए गए व्यापक प्रतिबंध को चुनौती दी थी। बिहार के मुजफ्फरपुर में एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की ओर से चलाए जा रहे आश्रय गृह में 30 से अधिक लड़कियों के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म और यौन शोषण का सनसनीखेज मामला ऑडिट रिपोर्ट के बाद सामने आया था।