बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बृहस्पतिवार को कहा कि आर्थिक रूप से उन्नत राज्य गरीब राज्यों को सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन यह उनके अपने निवासियों या आर्थिक दक्षता की कीमत पर नहीं होना चाहिए।
यहां एक कार्यक्रम में 16वें वित्त आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया और उसके सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आयोग को अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों के प्रोत्साहन पर समानता पर दिए गए अत्यधिक जोर के प्रभाव की सावधानीपूर्वक जांच करने की जरूरत है।
सिद्धारमैया ने कहा, ” इसके अलावा, ऐसे राज्यों के करदाता उम्मीद करते हैं कि उनके कर का इस्तेमाल उनके लिए होगा। इससे जनता में विश्वास उत्पन्न होता है। इसलिए वित्त आयोग को दक्षता और प्रदर्शन के साथ समानता को संतुलित करते हुए कड़ी मेहनत करनी होगी।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि उपकर व अधिभार विभाज्य ‘पूल’ का हिस्सा नहीं हैं, पिछले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार ने उन पर अपनी निर्भरता बढ़ा दी है। इससे विभाज्य ‘पूल’ सकल कर राजस्व के समान अनुपात में नहीं बढ़ रहा है। इससे सभी राज्यों को काफी नुकसान हुआ है।
सिद्धारमैया ने कहा कि विभाज्य ‘पूल’ से उपकर व अधिभार को साझा न करने के कारण कर्नाटक को 2017-18 से 2024-25 की अवधि में 53,359 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्तीय हस्तांतरण में कमी से राज्यों के भौतिक तथा मानवीय बुनियादी ढांचे में निवेश करने को लेकर हाथ बांध दिए हैं। इसका तत्काल समाधान किया जाना चाहिए।
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