कोलकाता। पश्चिम बंगाल समेत देश भर में रविवार से 120 माइक्रॉन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि, शहर और बाकी राज्य, एकल उपयोग वाले प्लास्टिक (एसयूपी) पर प्रतिबंध को लागू करने में भी विफल रहे, जो यहां के सभी प्रमुख खुदरा बाजारों में सर्वव्यापी है। पतले प्लास्टिक बैग, जिनका पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग करना मुश्किल है, जल निकासी व्यवस्था को चोक कर रहे हैं, नदी के तल और समुद्र के तल को मृत क्षेत्र बना रहे हैं और हमारी खाद्य श्रृंखला में प्रवेश कर रहे हैं।
प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 के अनुसार, 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक कैरी बैग अब निर्माण, आयात, स्टॉक, वितरण, बिक्री और उपयोग के लिए अवैध हैं। हालांकि, कार्यकर्ताओं का मानना है कि जब तक सख्त प्रवर्तन नहीं होता है, यह नियम 75 माइक्रॉन से पतले SUP पर प्रतिबंध का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। प्रतिबंध के बावजूद बंगाल में सिंगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) का निर्माण नहीं रोका जा सका।
भले ही राज्य पीसीबी ने सभी प्लास्टिक बैग निर्माताओं को एसयूपी और 75 माइक्रोन से कम के उत्पादन के खिलाफ नोटिस जारी किया था, लेकिन निर्माताओं ने अंतराल के बाद उत्पादन फिर से शुरू कर दिया, ऐसे उत्पादन के खिलाफ कोई सतर्कता या प्रवर्तन नहीं मिला। एसयूपी पर प्रतिबंध की घोषणा की शुरुआत में ही, हालांकि, व्यापारियों और खरीदारों के बीच जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई थी।