अशोक वर्मा “हमदर्द”, कोलकाता। स्नेहा और अर्जुन ने अपने जीवन में संतुलन लाने की कोशिश की और धीरे-धीरे उनके रिश्ते में फिर से पहले जैसी गर्माहट लौट आई। अब वे दोनों अपने काम और परिवार के बीच समय का संतुलन बनाए रखने में सफल हो रहे थे। स्नेहा ने अपनी लेखन यात्रा को भी नए सिरे से आगे बढ़ाया और उसकी तीसरी किताब पर काम शुरू हो चुका था।
लेकिन जीवन में कभी भी सब कुछ स्थिर नहीं रहता। एक दिन, अचानक अर्जुन की कंपनी में बड़े पैमाने पर छंटनी की खबर आई। यह खबर सुनते ही अर्जुन और स्नेहा दोनों ही चिंतित हो गए। अर्जुन को डर था कि कहीं वह भी इस छंटनी का शिकार न हो जाए। इस समय स्नेहा ने अर्जुन का पूरा साथ दिया और उसे धैर्य रखने की सलाह दी।
अर्जुन की आशंका सच साबित हुई। छंटनी की प्रक्रिया में उसका भी नाम आ गया और उसे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। अर्जुन के लिए यह एक बड़ा झटका था। उसने सालों तक इस कंपनी में काम किया था और अचानक बिना किसी योजना के नौकरी छूट जाना उसे अंदर से तोड़ने लगा।
अर्जुन को चिंता थी कि अब घर का खर्च कैसे चलेगा, आन्या की पढ़ाई, स्नेहा की किताबों का प्रकाशन और बाकी जिम्मेदारियाँ कैसे पूरी होंगी। उसने खुद को असहाय महसूस करना शुरू कर दिया। लेकिन स्नेहा ने इस कठिन समय में अर्जुन का साथ नहीं छोड़ा। उसने अर्जुन से कहा, “हमने साथ मिलकर इतने उतार-चढ़ाव देखे हैं। यह समय भी गुजर जाएगा। तुम अपनी योग्यता पर भरोसा रखो और हम इस चुनौती का सामना भी साथ मिलकर करेंगे।”
अर्जुन ने स्नेहा की बातों से थोड़ी राहत महसूस की, लेकिन फिर भी वह खुद को असफल मानने लगा। कई बार उसने स्नेहा से कहा, “मैंने तुम्हें और हमारे परिवार को निराश किया है। तुम्हारी सफलता देखकर मुझे गर्व होता है, लेकिन मैं अपने जीवन में स्थिरता भी नहीं ला सका।”
स्नेहा ने उसे समझाया, “अर्जुन, हमारी सफलता या असफलता इस बात पर नहीं निर्भर करती कि हम अभी कहाँ हैं, बल्कि इस पर है कि हम मुश्किल समय में एक-दूसरे का कैसे साथ देते हैं। मैं जानती हूँ कि तुम मेहनती हो, और तुम्हारे पास अनगिनत मौके होंगे। लेकिन इस वक्त हमें एक-दूसरे का सहारा बनना है।”
अर्जुन ने स्नेहा की सलाह पर ध्यान दिया और धीरे-धीरे खुद को सँभालने की कोशिश की। उसने नई नौकरी के अवसरों की तलाश शुरू की और साथ ही, उसने अपने पुराने हुनर और शौक पर भी ध्यान देना शुरू किया। अर्जुन को संगीत का बहुत शौक था, लेकिन जीवन की जिम्मेदारियों में वह इसे भूल गया था। अब, नौकरी की तलाश के साथ-साथ उसने संगीत को फिर से अपनी दिनचर्या में शामिल किया।
स्नेहा ने भी अर्जुन के इस बदलाव का स्वागत किया और उसे प्रोत्साहित किया कि वह संगीत को अपने जीवन में फिर से जगह दे। अर्जुन ने अपने पुराने दोस्तों के साथ एक बैंड बनाने का सोचा और धीरे-धीरे वे लोग साथ मिलकर संगीत बनाने लगे। यह उनके लिए एक नई शुरुआत थी।
कुछ महीनों बाद, अर्जुन को एक नई नौकरी का प्रस्ताव मिला, लेकिन इस बार उसने निर्णय लिया कि वह संगीत को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाए रखेगा। नई नौकरी के साथ-साथ, उसने अपने बैंड के साथ भी काम करना जारी रखा। अर्जुन की इस नई शुरुआत ने उसे अंदर से फिर से सशक्त बनाया।
स्नेहा ने अर्जुन की इस यात्रा में हर कदम पर उसका साथ दिया। उसने महसूस किया कि उनके रिश्ते की असली ताकत यही थी कि वे एक-दूसरे के संघर्ष और सपनों को समझते और स्वीकारते थे। अब स्नेहा और अर्जुन दोनों अपने-अपने जीवन के संघर्षों को एक नई दिशा में ले जा रहे थे। स्नेहा की तीसरी किताब पूरी होने के करीब थी, और अर्जुन का बैंड धीरे-धीरे लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा था। इस नये मोड़ ने उन्हें सिखाया कि जिंदगी में उतार-चढ़ाव तो आते रहते हैं, लेकिन अगर विश्वास और समर्थन हो, तो कोई भी मुश्किल समय लंबे समय तक नहीं टिकता।
स्नेहा और अर्जुन ने अपने जीवन में संतुलन लाने की कोशिश की, और धीरे-धीरे उनके रिश्ते में फिर से पहले जैसी गर्माहट लौट आई। अब वे दोनों अपने काम और परिवार के बीच समय का संतुलन बनाए रखने में सफल हो रहे थे। स्नेहा ने अपनी लेखन यात्रा को भी नए सिरे से आगे बढ़ाया, और उसकी तीसरी किताब पर काम शुरू हो चुका था।
अब स्नेहा और अर्जुन दोनों अपने-अपने जीवन के संघर्षों को एक नई दिशा में ले जा रहे थे। स्नेहा की तीसरी किताब पूरी होने के करीब थी, और अर्जुन का बैंड धीरे-धीरे लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा था। इस नए मोड़ ने उन्हें सिखाया कि जिंदगी में उतार-चढ़ाव तो आते रहते हैं, लेकिन अगर विश्वास और समर्थन हो, तो कोई भी मुश्किल समय लंबे समय तक नहीं टिकता।
अगली किश्त में पढ़ेंगे कि स्नेहा और अर्जुन की यह नई यात्रा उन्हें और कहाँ ले जाती है, और किस तरह से उनके जीवन में एक और महत्वपूर्ण मोड़ आता है, कि स्नेहा और अर्जुन की यह नई यात्रा उन्हें और कहाँ ले जाती है, और किस तरह से उनके जीवन में एक और महत्वपूर्ण मोड़ आता है।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च कर, फॉलो करें।