कोलकाता। पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओछी राजनीतिक महत्वाकांक्षा की वजह से बंगाल के लोग 50 हजार करोड़ रुपये की केंद्रीय मदद से वंचित रहे हैं। मीडिया से मुखातिब मजूमदार ने कहा कि जहां दूसरे राज्यों की सरकारें केंद्र के साथ बेहतर तालमेल बनाकर चल रही हैं, भले ही किसी भी पार्टी की सरकार हो लेकिन केंद्रीय मंत्रालयों के साथ समन्वय बनाकर काम हो रहा है। ताकि राज्य के लोगों को केंद्रीय योजनाओं का लाभ मिले।
बंगाल में ऐसा नहीं होता। ममता के लिए उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा सबसे बड़ी है। भले ही बंगाल के लोगों का बेड़ा गर्क हो जाए। इसीलिए यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत, किसान सम्मान निधि जैसी योजनाएं लागू नहीं हो पाईं। उन्होंने कहा कि केंद्र के पैसे से 39 लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है जबकि सुफल बांग्ला से आठ लाख लोग लाभान्वित हुए हैं।
गरीब कल्याण योजना के तहत छह करोड़ लोगों को योजनाओं का लाभ मिला है। फसल बीमा योजना से बंगाल के लोगों को वंचित करने का आरोप लगाते हुए सुकांत मजूमदार ने कहा कि ममता बनर्जी से केंद्र लगातार संपर्क में रहा और ऐसे लोगों की सूची मांगता रहा जिन्हें किसान सम्मान का लाभ दिया जा सकता है लेकिन ममता सरकार ने उसकी सूची ही नहीं दी। इससे बंगाल में किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
इसके अलावा आज ही चुनाव आयोग ने एक अधिसूचना जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि राज्य के मतदान केंद्रों में केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं होगी। इस पर सवाल खड़ा करते हुए मजूमदार ने कहा कि चुनाव आयोग का यह फैसला बच्चा भी समझ सकता है कि किसके इशारे पर लिया गया है। जाहिर सी बात है राज्य में 80 हजार से अधिक केंद्रीय बलों की तैनाती का सख्त निर्देश कलकत्ता हाई कोर्ट ने दिया है।
तो उन जवानों की तैनाती किस लिए होगी, जब मतदान केंद्रों के अंदर केंद्रीय बल रहेंगे ही नहीं। सच्चाई यह है कि जिन पुलिसवालों को चुनाव का कोई अनुभव नहीं बिल्कुल नए हैं और ट्रेनिंग ले रहे हैं उन्हें तीन या चार दिनों की ट्रेनिंग देकर के चुनावी ड्यूटी में लगाया जा रहा है। क्योंकि हाईकोर्ट ने सिविक वॉलिंटियर्स के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। पुलिस पूरी तरह से तृणमूल कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रही है और चुनाव आयोग ममता के इशारे पर काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बलों की तैनाती अगर मतदान केंद्रों में नहीं हुई तो पार्टी इसके खिलाफ कानूनी कदम उठाएगी। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि राज्य भर में पंचायत चुनाव को केंद्र हिंसा हो रही है। जगह-जगह विपक्ष के उम्मीदवारों को डराया धमकाया जा रहा है घरों में घुसकर मारा पीटा जा रहा है। यह सब कुछ आतंक का माहौल बनाने के लिए किया जा रहा है ताकि लोग डर से वोट देने के लिए ना निकलें।