बीडब्लूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में रजत पदक जीत श्रीकांत ने रचा इतिहास

हुएल्वा (स्पेन)। भारत के किदाम्बी श्रीकांत सिंगापुर के लोह कीन यीयू के खिलाफ बीडब्लूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में रविवार को 15-21, 20-22 से हार गए और उन्हें उपविजेता रहकर संयोष करना पड़ा। यीयू इस जीत के साथ विश्व खिताब जीतने वाले सिंगापुर के पहले खिलाड़ी बन गए। हमवतन लक्ष्य सेन को हराकर फ़ाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बने श्रीकांत सेमीफाइनल के प्रदर्शन को खिताबी मुकाबले में नहीं दोहरा सके और उन्हें लगातार गेमों में पराजय का सामना करना पड़ा।

श्रीकांत को प्रतियोगिता में रजत पदक मिला जबकि उनसे सेमीफाइनल में हारने वाले लक्ष्य सेन को कांस्य पदक मिला। फ़ाइनल में पहले गेम में श्रीकांत ने 9-3 की बढ़त बनायी लेकिन यीयू ने वापसी करते हुए श्रीकांत को 11-11 की बराबरी पर जा पकड़ा। यीयू ने 12-12 की बराबरी के बाद बढ़त बनाने का जो सिलसिला शुरू किया उसे फिर 21-15 पर जाकर ही समाप्त किया। दूसरे गेम में श्रीकांत ने 9-6 की बढ़त बनायी लेकिन यीयू ने लगातार छह अंक लेकर 12-9 की बढ़त बना ली।

भारतीय खिलाड़ी ने 12-14 के स्कोर पर लगातार चार अंक लिए और 16-14 से आगे हो गए। श्रीकांत 18-16 से आगे थे और लग रहा था कि वह मैच को निर्णायक गेम तक ले जाएंगे लेकिन सिंगापुर के खिलाड़ी लगातार चार अंक लेकर 20-18 से आगे हो गए। श्रीकांत ने स्कोर को 20-20 से बराबर किया मगर यीयू ने फिर दो अंक लेकर खिताब जीतने की जोरदार हुंकार लगाई। यीयू नेट खेल में श्रीकांत पर भारी पड़े और नेट पर बटोरे गए अंकों ने ही अंत में मैच का फैसला कर डाला।

28 वर्षीय श्रीकांत 43 मिनट में मिली इस हार के बाद विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए। प्रकाश पादुकोण (1983), एच एस प्रणय (2019 और लक्ष्य सेन (2021) ने विश्व प्रतियोगिता से कांस्य पदक जीते। श्रीकांत का 22वीं रैंकिंग के सिंगापुर के खिलाड़ी के खिलाफ अब 1-1 का रिकॉर्ड हो गया है। इससे पहले 12वीं सीड श्रीकांत ने कल हाई क्लास सेमीफाइनल में लक्ष्य की चुनौती पर एक घंटे नौ मिनट तक चले मुकाबले में 17-21, 21-14, 21-17 से काबू पाया।

श्रीकांत ने पहला गेम हारने के बाद जबरदस्त वापसी करते हुए अगले दोनों गेम जीते। भारत के दो खिलाड़ियों के बीच खेले गए ऐतिहासिक सेमीफाइनल में युवा लक्ष्य ने पहला गेम 21-17 से जीत लिया। लेकिन अनुभवी श्रीकांत ने वापसी करते हुए दूसरा गेम 21-14 से जीता । दूसरे गेम में श्रीकांत 4-8 से पिछड़ गए थे लेकिन उन्होंने अपना सारा अनुभव झोंकते हुए इस गेम को 21-14 से जीता। श्रीकांत ने 16-14 के स्कोर पर लगातार पांच अंक जीते और खुद को होड़ में बनाये रखा।

निर्णायक गेम में दोनों खिलाड़ियों के बीच एक-एक अंक के लिए जोरदार संघर्ष हुआ। निर्णायक गेम में लक्ष्य एक समय 13-10 से आगे थे लेकिन श्रीकांत ने लगातार तीन अंक लेकर स्कोर 13-13 से बराबर कर दिया। दोनों खिलाड़ियों के बीच 16-16 के स्कोर पर श्रीकांत ने लगातार तीन अंक लिए और स्कोर 19-16 पहुंचा दिया। लक्ष्य ने स्कोर 17-19 किया लेकिन श्रीकांत ने फिर दो अंक लेकर मैच को 21 -17 पर समाप्त कर दिया। लेकिन फ़ाइनल में वह इस प्रदर्शन को नहीं दोहरा सके।

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